गुरुवार, 30 जुलाई 2009

दिलदेहलादेने वाला क्रूर व्यवहार अपने ही लाडलों से ,क्यों ?

कामराज( पूर्व -मुख्य -मंत्री ,तमिलनाडु ) की जन्मशती के मौके पर एक सरकारी स्कूल ने वो कर डाला ,सुनकर आप सकते में आ जाएँ .एक सरकारी प्राथमिक शाला ने एक कथित शूरवीरता-प्रदर्शन (ब्रेवरी शो ) के दौरान एक नौनिहालको चित्त लिटाया ,आसमान की और तकते हुए ,उसने अपने दोनों बाजू जमीं के समांतर फैलाए ,फ़िर आमंत्रित किया एक मोटर साईकल सवार को ,वो मोटर साईकल पर सवार होकर आए और गाड़ी उसकी उँगलियों पर से चढाते हुए गुजर जाए .बाकायदा ऐसा ही किया भी गया .दर्शक दीर्घा से तालियाँ पीटी गईं ,करतल ध्वनी करने वालों में नौनिहाल के आदर्श माँ -बाप भी थे .कैसे थे ये जनक -जननी ?राम जाने ?एक गुजरे ज़माने के राजनितिक के साथ प्रतिबद्धता दिखाने का ये कैसा स्कूल है ?बच्चों के साथ अंग्रेज़ी पाठ के याद ना होने पर अक्सर दिल -देह्लादेने वाला व्यवहार होता रहा है ,आत्मा को कुचल देने वाला अति क्रूर पाशविक दुष्कर्म भी आए दिन हुआ है ,लेकिन ये प्रदर्शन तो कथित वीर -शिरोमणि माँ -बाप की सहमती से हुआ बतलाया गया है .(देखें सम्पादकीय :रेस्क्यू आवर किड्स ,टाइम्स आफ इंडिया ,नै -दिल्ली ,२९.०७ .२००९,दूसरा सम्पादकीय ).ये है इंडिया का एक और जायका ,दूसरे की ख़बर विनोद दुआ साहिब देते रहें हैं .हम गाली देतें हैं ,अरब शेखों को जो ऊंटों की दौड़ में भारतीय नौनिहालों को ऊँट की पीठ से बाँध देते है .बच्चा चिल्लाता है ,दर्शक दीर्घा से उन्मादी तालियाँ पीटीजातीं हैं .कल का अखबार मैंने आज पढा ,अभी- अभी पढा ,लगा ,इस पर ,विमर्श हो ,प्रतिकिर्या करें आप और हम ,तमाम ब्लोगिये .
परिवार एवं बाल कल्याण मंत्रालय .विविध एन .जिओज़ .भी आगे आकर इन स्तब्ध कर देने वाली ,चेतना को झकजोर देनेवाली घटनाओं को रोकें ,ऐसी हम सभी चिट्ठा लिखने वालों की गुजारिश है .सुना है ,नेशनल कमीशन फार चाइल्ड राइट्स इस प्रकार के हादसों (चाइल्ड -अब्यूज ) की ख़बर सम्बद्ध अधिकारियों तक पहुचाना लाजिमी बना रहा है .क्या स्वयं ये क्रूर बद्सूलुकी करने वाले ,ऐसा करेंगे ?

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