रविवार, 23 अगस्त 2009

ग्लेशिअर्स का पिघलना रंग लाएगा धुरी का झुकाव बदलने लगा है .

एक हालिया अध्धय्यन ने इस और साफ़ इशारा किया है ,विश्वव्यापी तपन से गरमाए समुन्दर वर्टिकल (ऊध्वाधर )के साथ पृथ्वी के वर्तमान झुकाव में (२३.५)में बदलाव की वजह बन रहें हैं ।
जैसे जैसे पृथ्वी के गिर्द द्रवय्मान वितरण (दिस्त्रिबूशन आफ मॉस )में बदलाव आ रहा है ,पृथ्वी का नर्तन भी बल खा रहा है .पृथ्वी की धुरी ,नर्तन के साथ साथ वोबिल भी कर रही है ,अस्थिर है ,धुरी का झुकाव .अलबता अब तक यह धुरी लट्टू की तरह घूमती हुई एक कोण (शंखु )बनाती रही है .वैसे ही जैसे कई मर्तबा आप ने छत -पंखे को डावांडोल हो नर्तन करते देखा होगा .लेकिनाब इसका झुकाव कम ज्यादा होने लगा है
आइस शीट्स के विश्वव्यापी तापन से गलने -पिघलने से ,समुन्दरों के गरमाने से पृथ्वी की उथली समुंदरी ताखों (अर्थ्स शेलोवर ओशन शेल्व्स में) ज्यादा पानी जमा होने लगा है ।
इंटर -गवर्मेंटल पेनल आन क्लाइमेट चेंज ने प्रगुक्ति की थी ,२१०० इसवी तक ग्रीन हाउस गेसों का वायुमंडल में पस्राव दोगुना हो जाएगा ।
फलस्वरूप नर्तन अक्स का उत्तरी ध्रुव (सिरा )अल्स्कऔ हवाई की तरफ़ एक साल में १.५ सेंटीमीटर की रफ़्तार से खिसकने लगेगा ।
न्यू -साइंटिस्ट में प्रकाशित एक रपट के मुताबिक विश्वव्यापी तापन को अभी तक नगन्न्य ही माना जाता था ,लेकिन अक्स के वोबिल में दर्ज बदलाव अब इसकी अनदेखी की इजाज़त नहीं देतें ।
हम जानतें हैं ,पृथ्वी अपनी अक्स पर एक लट्टू की मानिंद घूम रही है .स्वयं अक्स भी जो ऊर्ध्वाधर के साथ २३.५ अंश पर झुकी हुई है ,एक कों बना रही है ,वोबिल कर रही है नर्तन अक्स .इसलिए झुकाव स्थिर नहीं है ,बदलता रहा है .जिसकी वजह इतर कारणों से पृथ्वी के गिर्द द्रव्यमान वितरण में आ रहा बदलाव है ।
नासा की जेट प्रोपल्ज़ं लेब ,.पासादीना के फेलिक्स लेन्द्रार कहतें हैं ,लट्टू की मानिंद घूमती पृथ्वी के एक और यदि आप ज्यादा द्रव्यमान रख देंगें ,पृथ्वी का अक्सीय झुकाव बदल जाएगा .जलवायु परिवर्तन इसकी ज्यात वजह बन -ता रहा है .
खिसकते ,पश्चगामी ग्लेशियर ,गलती पिघलती हिम -चादरें भी इस लड़ख्दाहत ,पिच ओवर की वजह बन रहीं हैं .लेन्द्रार और उनके साथियों ने पता लगाया है ,ग्रीन्लेंद की हिम पिघलने से पृथ्वी की अक्स २.६ सेंटीमीटर सालाना की डर से टिल्ट होने लगी है .आइन्दा सालों में इस झुकाव में इजाफा हो सकता है ।
पता यह भी चला है ,ग्रीन हाउस गैस से पैदा समुंदरी तापन भी इस झुकाव में बदलाव की वजह बन रहा है .पहले समझा जाता था ,सागरों का फैलाव द्रव्यमान वितरण की वजह नहीं है .हम जानतें हैं पानी ४ सेल्सिअस तापमान से ऊपर गर्म करने पर लगातार फैलता है .यही पानी शेलो शेल्व्स में जमा हो जाता .,है

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