रविवार, 9 अगस्त 2009

एह्तियातन सात बातें ,एच १ एन १ इन्फ़्लुएन्ज़ा से मुक्ति .

बीमारीका इलाज़ होता है ,वहम का इलाज़ तो हकीमतुर्कमान के पास भी नहीं था .अलबत्ता स्वां फ्लू का पुख्ता इलाज़ है ,बचाव भी ,बशर्ते आप सावधानी बरतें .(१ )यदि मौसमी फ्लू के लक्षण आप को घेर रहें हैं ,आप की नाक से रिसाव ,गले में दर्द ,ज्वर के साथ गले में दर्द -कफ़ आदि की शिकायत है ,तो अविलम्ब अपने फेमली डॉक्टर के पास जा सकतें हैं (२),नाक -गले से लिए स्वाब की जांच कराने नाहक अधिकृत सरकारी अस्पतालों ,इतर जांच केन्द्रों की और ना दौडें ,अलबता यदि आप प्रभावित क्षेत्र की यात्रा से लौटें हैं या फ़िर अपने ही मुल्क में स्वां फ्लू असरग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद फ्लू जैसे लक्षणों की चपेट में आ गए हैं तब भी खुदमुख्तियारमत बनिए ,फैसला डॉक्टर साहिब पर ही छोडिए.उनके परामर्श पर ही जांच केन्द्र पहुँचिये अन्यथा नहीं (३).यदि आप शक के दायरे में आ गएँ हैं ,तब तीन परतों वाला मास्क पहन कर ही जांच केन्द्र पहुँचिये ,आप से संभावित छूतऔरों को लग सकती है .मास्क में ही छीन्किये ,अलबत्ता थूकने से सरे आम बचिए .निजी अस्पतालों को अभी तक अधिकृत नहीं किया गया है ,विचाराधीन है (.४ )सरकारी केन्द्र पर तैनात डॉक्टर नैदानिक जांच ,नूमुनिया छाती का संक्रमण ,बुखार आदि मौजूद होने पर ही ज़रूरत के मुताबिक ,नाक -गले से स्वाबलेगा यदि आपकी कन्डीशन नाजुक है ,तवज्जो मांगती है ,तो तुरत फुरत आपको भरती कर लिया जाएगा ,और यदि स्तिथि सो -सो है तो आपको घर भेज दिया जाएगा आवश्यक दिशा-निर्देश देकर .ज़रूरी हिदायतें देकर ,आपको अलग कमरे में रहना खाना है ,बच्चों बीमार बुजुर्गों (दायाबेटिक ,दिल के मरीज ,अन्य बीमारी से ग्रस्त घर के लोगों से )के कमसेकम संपर्क में रहना है .सभी को आपके नजदीक निरंतर तीन परतों वाला मास्क लगा कर ही आना है (५ ).नम होने पर ,वैसे भी हर ४ घंटों के बाद मास्क बदल देना है ,सावधानी पूर्वक ,बाहर से पकड़ कर .साबुन या अन्य क्लीनर से हाथ धो लेना है .७-८ दिन घर में ही रुकना है ,जांच नतीजा पाजिटिव आने पर ही आपको बुलाया जाएगा .गंभीर रोग अवस्था होने पर ही आपको दाखिल किया जाएगा ,वरना आप घर पर रह कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकतें हैं ,औरों को भी छूत से बचाए रख सकतें हैं ,अनुदेशों की पालना करके .(६ ).सैम्पल २४ -४८ घंटों में नतीजे दे देतें हैं ,पाजिटिव होने पर एच १ और स्वां -ऐ वायरस की जांच की जाती है .यकीं मानिए :सेल्फ लिमिटिंग है भारत में पहुंची स्वां फ्लू की किस्म .हालात लापरवाही से ही बेकाबू होतें हैं .सिर्फ़ ५ दिन खानी है ,सुबह -शाम टेमी फ्लू की गोली .अलबता रोग के लक्षण हाज़िर होने से पूर्व भी आप औरों कोछूत लगा सकतें है ,अनजाने ही .रोग मुक्त होने के बाद भी आप एह्तियातन १ -२ रोज़ अपने को अलग rakhiye । तेमिफ्लू -चिकित्सा बचावी तौर पर आपके घर के अन्य सदस्यों को भी दी जायेगी .अलबत्ता रेस्पिरेटरी -डिस्ट्रेस ,नाखूनों का नीला पड़ना एक गंभीर मसला है ,ऐसे में घर पर समय जाया ना करें .लक्षणों से मुक्ति के बाद आपको अस्पताल में नहीं रखा जाएगा .असली ज़रूरत इस वेला ,विवेक पूर्ण आचरण की है .(७ )dehshat ,panic reaction की कोई वजह मौजूद नहीं है .अपना भी bhalaa कीजिये ,औरों का भी .