गुरुवार, 24 सितंबर 2009

जादुई दवा एस्पिरीन -एक झलक .

सरपत या सरै सलिक्स प्रजाति का एक नरम लोचदार छरहरी टहनियों वाला पौधा या फ़िर झाडी होती है ,इसकी पत्तियाँएक दम से नेरो तथा मंजरी छोटे छोटे पुष्प लिए होती है ,अलबत्ता ये पुष्प बिना पांखुरी के होतें हैं ,अंग्रेज़ी में इस पादप को विलो कहा जाता है ।
यूनानियों ने पहली मर्तबा विलो बार्क (सरै की छाल ,वल्कल )से एसितिल -सेली -साईं -किलिक एसिड से मिलता जुलता एक दर्द नाशी नुस्खा तैयार किया था ।
एक ताज़ा अध्धय्यन के मुताबिक वे लोग जिनके खानदान में बड़ी आंत का केंसर कई पीढीयों से चला आ रहा है ,और जिन्हें कोलन केंसर होने का जोखिम ज्यादा है ,एस्पिरिन की एक टिकिया का रोजाना नियमित सेवन उनके लिए कोलन केंसर के खतरे को घटा सकता है .(देखें -एस्पिरिन रिद्युसिज़ कोलन केंसर रिस्क -टाइम्स आफ इंडिया ,सितमबर २२ ,२००९ ,पृष्ठ २१ )।
१८९७ में बायर दवा निगम ने विल्लो त्री से "एसितिल -सेली -साईं -क्लिक एसिस तैयार किया .१९०० में यह दवा बाज़ार में आ गई ।
१९१४ में युद्ध ने व्यापार को असरग्रस्त किया ,एस्पिएं तैयार करने का एक और तरीका खोजा गया ।
१९२०ईज़ में एस्पिरिन का चलन एक एंटी -पाइरेतिक(ज्वर नाशी दवा ),फ्लू से पैदा दर्द निवारक के बतौर किया गया ।
१९३० इज़ एस्पिरिन जानारिक दवा के रूप में बाज़ार पे छा गई ,बायर का पेटेंट समाप्त हुआ ।
१९४० इज़ में केलिफोर्निया के चिकित्सकों को पता चला -जो लोग एस्पिरिन का सेवन करतें हैं ,वह अपेक्षया हार्ट अटक से बचे रहतें हैं ।
१९५० इज़ बच्चोंके लिए चूसीजा सकने वाली एस्पिरिन की टिकिया बाज़ार में आई ,बाद में रेज़ सिंड्रोम के डर से इसे वापस ले लिया गया ।
१९६० इज़ अपोलो चन्द्र यात्री (अन्तरिक्ष यात्री )एस्पिरिन की टिकिया अपने साथ ले गए ।
१९७० इज़ कैसे असर करती है एस्पिरिन की जादुई टिकिया -इस राज़ का खुला सा हुआ ,१९८२ का नोबेल पुरुष्कार (चिकित्सा क्षेत्र में )इसी खोज को दिया गया ।
१९८० इज़ अमरीकी फेडरल ड्रग एड्मिनिस्त्रेष्ण ने एस्पिरिन का स्तेमाल हार्ट अटक और स्ट्रोक करने की सिफारिश कर दी ।
१९९० इज़ एस्पिरिन की लो दोजेस का स्तेमाल शुरू हुआ .हार्ट अटक की बचावी चिकित्सा के बतौर ,उन के लिए जो रोग प्रवण थे ,यानी जिन्हें रोग होने का ख़तरा ज्यादा था ।
२००० एस: उन्माद और कई तरह के केंसरों के ख़िलाफ़ एस्पिरिन को असरकारी पाया गया ।
बीच में सोल्ज़र नाम से एस्पिरिन की टिकिया एस्प्रेस्सो कोल्ड ड्रिंक के रूप में भी बाज़ार में आई ,कहा गया एक दिन में ८ गोलिया तक आप ले सकतें हैं ,जल्दी ही इसे बाज़ार से वापस ले लिया गया .हमने भी नादानी के दिनों में इसे तफरीह के लिए आजमाया .दुष्प्रभावों से वाकिफ होते ही भाग खड़े हुए ।
फ़ूड एंड ड्रग एड्मिनिस्त्रेष्ण इस दवा के स्तेमाल की इजाज़त निम्न स्तिथियों के लिए देता है -
(१ )हार्ट अटक के बाद सस्तेनेंस डोज़ के बतौर मौत के खतरे को को कम करने के लिए ,अटैक की पुनरावृत्ति (वापसी )को रोकने के लिए भी ।
(२ )दर्द और ज्वर नाशी के रूप में ।
(३ )आर्थ्रा -इतिस ,लुपुस के इलाज़ में ।
आज अमरीका में बिना नुस्खे के बिकने वाली दवाओं में (ओवर दा काउंटर ड्रग्स )में एस्पिरिन औ एस्पिरिन से तैयार नुस्खों की बिक्री कुल ऐसी दवाओं की बिक्री का पांचवा हिस्सा है ।
विशेष :एवोइड एस्पिरिन इफ यु हेव -(१ )एस्मा (दमा )औ एस्पिरिन एलर्जी दर्शाने वाले सभी लोग एस्पिरिन का स्तेमाल ना करें .(२ )गभीर किडनी (गुर्दा रोग )औ लीवर डिजीज (यकृत की बिमारी से ग्रस्त लोग ) एस्पिरिन से दूर रहें .(३ )ब्लीडिंग दिसोर्दार्स से (रक्तस्राव सम्बन्धी विकारों से ग्रस्त लोग )तंग आ चुके लोग एस्पिरिन से परहेजी बरतें ।
सन्दर्भ सामिग्री :टाइम्स ट्रेंड्स -एस्पिरिन :ऐ वंडर ड्रग (टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर २४ ,२००९ )पृष्ठ १७ /विल्लो -एनकार्टा कंसैसइंग्लिश डिक्शनरी
प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

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