शनिवार, 12 सितंबर 2009

अन्तरिक्ष यात्रा के लिए ग्रेविटेशनल कारिदोर्स -कम खर्च बालानशीन .

एक दिन ग्रेविटेशनल कारिदोर्स अन्तरिक्ष यात्रा को किफायती बना देंगे विज्ञानी इस दिशा में संलग्न हैं .इस रास्ते अन्तरिक्ष की सैर वैसे ही की जा सकेगी जैसेसमुद्री धाराओं , लहरों पर सवार (शिप्स बोर्न आन ओसन करेंट्स )
जहाज .,करतें हैं .इन घुमाव दार रास्तों (ट्विस्टिंग ट्यूब्स )का मापन अमरीकी विज्ञानी इन दिनों करने में मशगूल हैं .यह एक प्रकार की ग्रेविटेशनल गल्फ स्ट्रीम जैसी होंगीं -जो ग्रहों औ उनके उपग्रहों के पारस्परिक गुरुत्वीय आकर्षण का नतीजा हैं ।
इनके बीच सर्पिल आकार एक ग्रेविटेशनल कारीडोर मौजूद है .कंप्यूटर ग्रेफिक्स ने इसकी पुष्टि की है ।
लेग्रेंज़ पाइंट्स क्या हैं ?यह ऐसे तमाम अन्त्रीक्षीय स्थल हैं जहाँ गुरुत्वीय बल परिमाण में बराबर लेकिन विपरीत दिशा में लगते हैं ,फलतयापरिणामी गुरुत्व बल शून्य रहता है ।ये विभिन्न आकाशीय पिंडों के परस्पर आकर्षण -विकार्ष्ण का नतीजा हैं .
ज़ाहिर है -ग्रह औ उनकी परिक्रमा करते उपग्रहों के बीच लो एनर्जी पाथ- वेस हैं ,ऐसे मार्ग मौजूद हैं जहाँ इंधन की खर्ची कम होगी .औ सौर मंडल की मटरगश्ती सैर -सपाटा भविष्य में किफायती होगी तो इन्ही की बदौलत ऐसा होगा ।
ब्रितानी अखबार टेलेग्राफ ने वर्जीनिया- टेक के शेन रोस के हवाले से कहा है -दीज़ आर फ्री फाल पाथ्वेस इन स्पेस एराउंड एंड बिटवीन ग्रेविटेशनल बादीज़ ,इन स्टेड आफ फालिंग डाउन ,लाइक यु दू आन अर्थ ,यु फाल अलांग दीज़ ट्यूब्स -आप जानते हैं चन्द्रमा भी पृथ्वी -चन्द्रमा के सांझे गेरुत्व में मुक्त रूप से (फ्री -फाल )गिर रहा है ,लेकिन यह गिरना गुरुत्वीय त्वरण नामालूम सा है ,पृथ्वी की सतह गोलाई लिए है ,गिरते हुए यह दूसरी औ निकल जाता है ,यदि पृथ्वी चपटी होती ,चन्द्रमा पृथ्वी से अब तक टकरा गया होता .वैसे ही अंतरीक्ष अन्वेषी यान मुक्त रूप से ट्विस्टिंग ट्यूब्स ,ग्रेविटेशनल कारिदोर्स में गिरेगा औ किसी को खबर नहीं होगी ।अलबत्ता इंधन की बचत ज़रूर होगी .
सन्दर्भ सामिग्री :-जी -कारिदोर्स तू कट स्पेस त्रेविल कास्ट (टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर १२ ,२००९ )पृष्ठ -१९
प्रस्तुती :मैं प्रमाणित करता हूँ आलेख की प्रस्तुती मौलिक एवं अन्यत्र अप्रकाशित है ।
वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई ),पूर्व -व्याख्याता ,भौतिकी ,यूनिवर्सिटी कालिज ,रोहतक ,हरयाणा -१,२४,००१

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