रविवार, 6 सितंबर 2009

बदल रहा है रस्मो -रिवाज़ अभिवादन के तौर तरीके -स्वां इन फ्लू .

विल फीअर इन एअर स्पेल दी एंड आफ सिविलिती ?एच १ एन १ इफेक्ट :किसिज़ ,हाई -फाइवज़ बिकम नो -नो .(टाइम्स आफ इंडिया ,सितम्बर ६ ,२००९ पेज १९ ) पर छपी यह रिपोर्ट झलक दिखलाती ,क्या हो रहा है ,दुनिया भर में एच १ एन १ से बचाव के मद्दे नजर .नम्रता -विनम्रता ,आदर सत्कार अभिवादन ,खैर मकदम के तरीके एक तरफ ,फ्लू से बचाव दूसरी तरफ .चुनाव आप का ।खबर फ़िर आख़िर खबर है ।हम ठहरे खबरची ।
समोया के लोग अब दूर से ही हाथ जोड़ रहे है -अभिवादन में .भाषा एवं मानव शास्त्री (न्रि-विज्ञानी ,अन्थ्रोपोलोजिस्त )अलेक्सान्द्रो दुरंती इसकी पुष्टि करतें हैं ।
३ -५ फीट की दूरी बनाए रखने की सलाह बारहा दी जा रही है -छींक या कफ करने वाले ,संभावित फ्लू स्न्कृमित व्यक्ति से ।
बशीर बद्र साहब ने ठीक ही कहा होगा -कोई हाथ भी ना मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से ,ये नए मिजाज़ का शहर है ,जरा फासले से मिला करो ।
दरअसल जब आप छींक मारतें है ,तब पानी की बुंदियाँ हवा में ३ -५ फीट आगे तक तैरती रहतीं हैं ,संक्रिमित होने पर ये वायरस से लदी होती हैं -एच १ एन १ इन्फ़्लुएन्ज़ा -ऐ से .जमीन पर आने में वक्त लगता है .हेड फोन कंप्यूटर की बोर्ड्स पर वायरस २४ घंटा तक चस्पां रहता है -आप सेंकडों मर्तबा हाथों से अपने ही मुह को रगड़ते सहलातें हैं ,अपने अनजाने ही ,इसलिए दोनों गालों को अभिवादन स्वरूप बारी -बारी से चूमना (टू गिव पेक आन बोथ चीक्स ) भी अब निरापद नहीं हैं ,हाई -फाइवज़ भी नहीं .(बच्चे स्कूल में हमजोलियों से अपनी खुशी का इज़हार हाई -फाइवज़ के ज़रिये हवा में सर से ऊपर हाथ उठा परस्पर हथेली की चोट करके करतें हैं -पाँच मर्तबा ),अपने खतरें हैं -इसके जबकि स्वां इन फ्लू का दूसरा पीक सर्दियों में फ़िर दस्तक देगा .कमर कस्लो यारों ।
रूप की आराधना का मार्ग आलिंगन नहीं है ,स्नेह का सौन्दरिय को उपहार रस चुम्बन नहीं हैं .-यही संदेश है इस दौर का ।
फ़िर भी यदि आप लांग किस के दीवाने हैं ,तो आप की आप जाने ।
२८३७ लोगों को निगल चुका है आलमी स्तर पर स्वां इन फ्लू अब तक .इस दरमियान हाथ मिलाने का सिलसिला थमने लगा है ।
गरम जोशी से गले मिलने की जगह -गिव ऐ कर्ट पेक आन दी बेक ।
न्यूयार्क के स्कूल डिस्ट्रिक्ट ग्लेन कोव में क्षात्रों को हाई -फाइवज़ से परहेज़ की सलाह दे दी गई है ।
स्पेन ने भी नागरिकों को दोनों गालों को अभिवादन स्वरूप चूमने के स्थान पर दूर से अभिवादन करने की सलाह दी है ।
लेबनान से कुवैत तक मुस्लिम भाइयों को रमादान के दिनों में गले मिलने से परहेजी बरतने को कहा है ।
हज यात्रियों से स्वास्थय प्रमाण सनद स्वां इन फ्लू मुक्त होने का साथ लाने के लिए कहा गया है ।
यदि आप संक्रमित है (जो सिर्फ़ आप ही जानतें हैं ,तब आप ख़ुद हाथ मिला ने से बचिए ,अपना सामाजिक दायित्व निभाइए .).दूसरा आगे बढ़कर पहल करता है तो आप हाथ जोड़ लीजिये -राम -राम ही भली ।
राम -राम भाई .

1 टिप्पणी:

डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedi ने कहा…

मेरी एक गज़ल के दो शेर यूं हैं:

मैं ढ़ूंढ़ता हूं एक राज़दार शहर में
हर दोस्त मेरा बन गया अखबार शहर में

जब से ये 'हाय','बाय','हेलो' शब्द चले हैं
गुम सा हुआ लगे है 'नमस्कार' शहर में.

यह भी एक स्थिति है अभिवादन की.