सोमवार, 7 दिसंबर 2009

स्तन पान कम करता है मधुमेह और हृद रोगों का ख़तरा .

जो माताएं अपने नवजातों को ज्यादा अवधि तक स्तन पान (ब्रेस्ट फीडिंग )करवातीं हैं उनके लिए आगे चलकर प्रोढा-वस्था मेंजीवन शैली मधुमेह(सेकेंडरी दायाबीतीज़ ) और हृद रोगों का ख़तरा कमतर हो जाता है .एक अध्धय्यन के मुताबिक़ जो महिलायें नवजातों को कमसे कम एक माह तक नियमित स्तन पान करवातीं हैं उनमे प्री -दायाबीतीज़ का जोखिम घटकर आधा रह जाता है .आगे चलकर यही पूर्व -मधुमेह रोग की स्तिथि पूरे लक्षणों के संग दायाबीतेज़ और हृद रोगों की वजह बनती है ।
२०सालों तक ज़ारी रहने वाले इस अध्धय्यन के अनुसार जो महिलायें इस दरमियान पैदा होने वाले अपने नौनिहालों को स्तन पान करवाती रहीं हैं उनमे बोतल से दूध पिलाने वाली महिलाओं के बरक्स खून में घुली चर्बी और शक्कर का स्तर स्वास्थाय्कर स्तरों पर दर्ज किया गया है ।
अध्धय्यन में उन ७०४ महिलाओं पर निगरानी रखी गई जो अपने पहले बच्चे का इंतज़ार कर रहीं थीं .बच्चे के जन्म के दो दशक बाद तक इनमे मेटाबोलिक सिंड्रोम डिवलपमेंट (प्री- दायाबीतीज़ कंडीशन) का जायजा लिया जाता रहा ।
इनमे से उन महिलायेंमें जो गर्भावस्था में "जेस्तेश्नल दायाबीतीज़ "की लपेट में आ गई थीं उनमे सेकेंडरी दायाबीतीज़ प्रोढा -वस्था में होने का ख़तरा ४४ -८६ फीसद के बीच घट गया .यह सब कमाल था "स्तन पान "का .केलिफोर्निया के कैसर पेर्मनेंते केयर ओर्गेनाइज़ेशन की गुन्दरसों के अनुसार अलबत्ता यह बतलाना मुस्किल है (अनुमेय ही है ),किस प्रकार स्तन पान इन खतरों को कम करता है ।
लेकिन आप ने यह भी जोड़ा ,इस लाभ की वजह वेट गेंन में अन्तर फिजिकल एक्टिविटी का अन्तर नहीं रहा है ।
सन्दर्भ सामिग्री :-ब्रेस्ट फीडिंग कट्स दायाबीतीज़ ,हार्ट दिज्जीज़ रिस्क इन मोम्स (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,दिसंबर ७ ,२००९ ,पृष्ठ १३ )
प्रस्तुति :-वीरेंद्र शर्मा (वीरुभाई )

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