मंगलवार, 23 मार्च 2010

सिलिकोन -ब्रेस्ट -इम्प्लांट की छुट्टी .....

वक्ष -स्थल (असेट्स ऑफ़ ए वोमेन ) औरत की अनातोमी का केन्द्रीय आकर्षण रहा है .इसी लिए ब्रेस्ट इम्प्लांट चलन में आये .लेकिन एक दिक्कत इन्हें तकरीबन हर दस साल बाद बदलवाने की रही .अब उम्र भर के लिए "फुलर ब्रेस्ट "तैयार किये जा रहें हैं और वह भी महिला के खुद के स्तनों से ऊतक लेकर .शल्य कर्म के बाद ना कोई स्कार.इम्यून सिस्टम द्वारा सहज स्वीकृति इस प्रत्यारोप की खसूसियत है ।
बस एक तीनघंटे की शल्य -चिकित्सा के ज़रिये एक स्वाभाविक और भरी -पूरी "बूब जॉब "मुकम्मिल वक्ष स्थल ,वक्ष प्रदेश का निर्माण .खिलखिलाते वक्ष -कुसुम .
पीनास्त्नी बनने सवरने का खर्च आ रहा है ८००० पोंड ।
लौरेंस किरवान अब तक ऐसे १५० कामयाब बूब जॉब कर चुके हैं .स्तन -ऊतकों से विकसित इम्प्लांट लगा चुके हैं .इसे ब्रेस्ट -एनलार्जमेंट में एक ब्रेक थ्रू कहा जा रहा है .सिलिकोन -इम्प्लान्ट्स के अपने जोखिम और घुमाव और पेचीदगियां रहीं हैं .सुरक्षित नहीं रहें हैं सिलिकोन -ब्रेस्ट -इम्प्लान्ट्स .

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