शनिवार, 20 मार्च 2010

स्तन कैंसर से बचाव के लिए -क्रायों-थिरेपी

बारबरा अन्न कर्मनोस कैंसर इन्स्तित्युत ,देत्रोइत (मिशिगन )के विज्ञानी पीटर लित्त्रूप के नेत्रित्व में साइंसदानों की एक टीम ने स्तन कैंसर से बचाव के लिए "क्रायों -थिरेपी "को आजमाया है जिसके तहत बिना चीड फाड़ किये स्तन कैंसरगाँठ (ब्रेस्ट ट्यूमर ) के गिर्द कोशिकाओं तक अति प्रशीतित गैस (सुपर कोल्ड गैस )फाइन नीडिल के ज़रिये पहुंचाई जाती है .यह एक बे तकलीफ ज़रिया है ब्रेस्ट कैंसर को फ्रीज़ करने और इसकी पुनरावृत्ति (वापसी )कारगर तरीके से रोकने का ।
अति -प्रशीतित गैस कैंसर ग्रस्त कोशिकाओं का सफाया करने में कामयाब है .यह एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका समझा बतलाया जा रहा है ।
इसकी आजमाइशें उन १३ मरीजाओं पर की गईं जिन्होनें सर्जरी से इनकार करदिया था .साइंसदानों की टीम ने इन पर पूरे पांच सालों तक नजर रखी .रोग वापसी इसी अवधि में होती है .रोग की वापसी ना होने का मतलब इलाज़ का असरकारी ,प्रभावकारी होना है ।
कहना ना होगा इस मिनिमली इन्वेज़िव क्रायों -थिरेपी ने ब्रेस्ट कैंसर के असरकारी इलाज़ का मार्ग प्रशस्त कर दिया है ।
सन्दर्भ -सामिग्री :फ्रीजिंग ट्यूमर्स इज लेटेस्ट वे तू कम्बैट कैंसर (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मार्च १९, २०१० )

कोई टिप्पणी नहीं: