गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

स्वास्थ्य समस्या बन सकती है "माउथ-ब्रीडिंग ".

आपने देखा होगा कुछ लोग जब देखो तब मुख शवसन करतें हैं,नाक की जगह मुख से सांस लेते रहतें हैं .लोगों को यह मुगालता भी हो सकता है ,कहते सुना भी जाता है ,माउथ -ब्रीडिंग कोई स्वास्थ्य दोष नहीं है ,इसका स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है ।
एक अध्धययन इस भ्रांत धारणा का खंडन ही नहीं करता ,माउथ ब्रीदिंग को एक ऐसी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या बतलाता है जिसका इलाज़ ना करवाने पर खासकर बच्चों के मामले में आगे चलकर गभीर नुकसानी उठानी पड़ सकती है सेहत के मामले में ।
अमरीकी अकादेमी ऑफ़ जनरल देन्तिस्ट्री के मुताबिक़ इलाज़ ना करवाने पर माउथ ब्रीद -इंग करने वाले नौनिहालों में एब्नोर्मल फेसियल और डेंटल दिव्लेप्मेंट की समस्या पेश आ सकती है .(लॉन्ग नेरो फेसिस एंड मौथ्स )हँसते समय जबड़े दिखलाई दे सकतें हैं जैसे की मुख में दांत ही ना हो .अलावा इसके जिन्जिवा का इन्फ्लेमेशन (जिसमे मसूड़े फूल कर लाल हो जाते हैं ,दर्द करतें हैं .सोजिश रहने लगती है ).दन्तावली त्विस्तिद (बेतरतीब एलाइन -मेंट लिए हो सकती है मुक्तावली )।परेशान किये रह सकता है .
इसलिए माउथ ब्रीदिंग की अनदेखी ना कीजिये ।
सन्दर्भ सामिग्री :ब्रीदिंग थ्रू माउथ डेंजरस (टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल ८ ,२०१० )

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