शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

नियर डैथ एक्सपिरीयेन्स को हवा देती है कार्बन -डाय-ओक्स्सैद

कुछ लोग आप को आप बीती के तौर पर मौत के मुख से लौट आने के किस्से सुनातें हैं .पत्र -पत्रिकाओं में भी ऐसे किस्से पढने देखने को मिल जायेंगे ।
हर घटना के पीछे कार्य -करण कॉज़ एंड इफेक्ट का संग साथ है .आखिर क्या है "नियर डैथ एक्सपिरीयेन्स "का कौज़ल एजेंट ,स्तिम्युलेंत या फिर केतेलिस्ट ?कौन से ऐसे कारक हैं जो इन दिव्य अनुभवों को उत्तेजन प्रदान करतें हैं ?
स्लोवेनिया के रिसर्चरों ने पता लगाया है ,ऐसे लोगों के रक्त में अक्सर कार्बन डाय -ओक्स्साइडऔर कभी कभी साथ में पोतेसियम का स्तर बढा हुआ पाया जाता है जो मौत के मुख से लौट आने के किस्से सुनातें हैं ।
११-२३ फीसद लोग जो हार्ट अटैक के बाद बच जातें हैं नियर डैथ एक्सपिरीयेन्स के किस्से सुनातें हैं .कुछ इस दरमियान फ्लेशिंग लाइट्स दिखलाई देने का हवाला देतें हैं तो कुछ गहन शांति और आनंदातिरेक की अनुभूतिहोना बयान करतें हैं .मानो किसी दिव्य -शक्ति का साक्षात् कार करेक लौटें हैं ।
सन्दर्भ सामिग्री :कार्बन -डाय -ओक्स्साइड स्पार्क्स 'नियर डैथ 'एक्सपिरीयेन्स ?(टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,अप्रैल ९ ,२०१० )

कोई टिप्पणी नहीं: