बुधवार, 12 मई 2010

खून में घुली चर्बी कम करतें हैं खुराख में शामिल नट्स

एक नवीन अध्धययन से विदित हुआ है ,जिन लोगों की खुराक में प्रतिदिनऔसतन ६७ ग्रेम नट्स (अखरोट ,बादाम ,कठोर छिलके वाले कैसे भी मेवे ,ड्राई -फ्रूट्सकाष्ठ-फल ,माजू- फल आदि कुछ भी )शामिल रहतें हैं ,उनके रक्त में मौजूद कुल सीरम कोलेस्ट्रोल (टोटल कोलेस्ट्रोल कंसेन्ट्रेशन )५.१ फीसद ,हृदय के लिए बारहा खराब बतलाया गया 'लो डेंसिटी लिपो-प्रोटीन्स कोलेस्ट्रोल '७.४ फीसद घट जाता है उन लोगों की तुलना में जिनकी खुराक में ये हार्ड -शेल- नट्स शामिल नहीं रहतें हैं (कंट्रोल ग्रुप )।
अलावा इसके जिनके रक्त में 'ट्राई -ग्लीसरैड्स'का स्तर उच्चतर बना रहता है ,नट्स खाने पर इनके रक्त में भी 'ब्लड लिपिड लेविल्स '१०.२ फीसद कम दर्ज हुए ।
सात अलग अलग देशों में संपन्न किये गए २५ ट्रायल्स का विश्लेसन करने के बाद उक्त निष्कर्ष निकाले गए हैं .ट्रायल्स में १९ -८६ साला ५८३ महिला -पुरुष शरीक थे .इनकी तुलना नॉन नट ईटर्स (कंट्रोल ग्रुप )से बराबर की गई ।
इनमे से कोई भी प्रति -भागी (सब्जेक्ट या कंट्रोल )खून से चर्बी कम करने वाली दवाओं (स्तेतिन्स आदि )का सेवन नहीं कर रहा था ।
अमरीकन मेडिकल अशोसियेसन आर्काइव्स ऑफ़ इन्टरनल मेडिसन में प्रकशित इस अध्धययन में यह भी बतलाया गया है ,आप कौन सा नत ले रहें हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता ,फायदा यकसां नसीब होता है ।
लोमा लिंडा यूनिवर्सिटी केलिफोर्निया के रिसर्चर्स जों. सबते के नेत्रित्व में इस अध्धयन में शामिल रहें हैं ।
अलबत्ता किसको नट्स का कितना लाभ मिलता है ,यह इस बात पर ज़रूर निर्भर करता है ,आपका वजन और बेसलाइन लो डेंसिटी लिपोप्रोतिंस -कोलेस्ट्रोल का स्तरअध्धय्यन के आरम्भ मे कितना रहा है ।
आरभिक एल डी एल -सी जिनका ज्यादा रहा है ,उन्हें उतना ही ज्यादा लाभ हासिल हुआ .जिनका 'बी एम् आई 'यानी बॉडी मॉस इंडेक्स (किलोग्रेम /मीटर स्क्वायर )'शुरू में कम था उन्हें भी अपेक्षाकृत ज्यादा फायदा पहुंचा ।
सन्दर्भ -सामिग्री :-गोइंग नट्स इन यूओर डाइट केन रिड्यूस ब्लड कोलेस्ट्रोल (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मे१२ ,२०१० )।
विशेष कथन :-भाई साहिब खुराकी केलोरीज़ का अपना हिसाब किताब होता है .केलिफोर्निया हब है नट्स का खासकर बादाम का .समझदार को इशारा ही काफी होता है .कुछ भी नया करने से पहले यदि आप कार्डियो -वैस्क्युलर डिसीज़ (कोरोनरी आर्टरी डिजीज आदि )से ग्रस्त हैं तो अपने कार्डियोलोजिस्ट और दाइतिशियन से ज़रूर परामर्श कर लें ।
वीरेन्द्र शर्मा उर्फ़ वीरुभाई .

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