सोमवार, 28 जून 2010

फुट- बाल एक आयाम यह भी ......

फ़ुटबाल रीप्ले हेल्प्स फाईट डिमेंशिया इन मैंन (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जून २८ ,२०१० ,केपिटल एडिसन ,पृष्ठ १५ ।).

ग्लासगो कालेदोंनियन विश्व -विद्यालय के रिसर्चरों ने पता लगाया है कुछ ख़ास स्मरणीय फुट बाल मुकाबलों से जुडी यादें रीप्ले देखने पर लौट सकतीं है डिमेंशिया से ग्रस्त लोगों की भी .वह अपने पूर्व जीवन की स्मृतियों में लौट सकतें हैं .ता -उम्र जिनके लिए फुट बाल मैच देखना एक पेशन बना रहा हो ,कुछ स्मरणीय क्षण इस खेल के यादों में बस जातें हैं .कुछ ख़ास मुकाबलों से जुडी घटनाएँ भूलती कहाँ है ?।

एक प्रोजेक्ट के तहत इस तथ्य का खुलासा किया है रिसर्चरों ने .अध्धययन के तहत मैच फातोग्रेफ्स ,प्रोग्रेम्स पर चर्चा चली ।

मेमर -बिलिया से जुडी यादों को चर्चा के दौरान स्मृति में लौटते देखा गया .सब्जेक्ट्स में डिमेंशिया ग्रस्त लोगों को शामिल किया गया था .यादों के समुन्दर में सबको लौटते देखा गया .खुल कर चर्चा की सबने खिलाड़ियों के यादगार पलों की . .

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