रविवार, 20 जून 2010

आसमान से टपकती आफतें ...(ज़ारी ...).

दस करोड़ साल की मौहलत एक सुरक्षित बचावी सीमा लग सकती है लेकिन आइन्दा ऐसा कभी भी हो सकता है (साढे छकरोड़ साल पहलेएक धूम -केतु की पृथ्वी से टक्कर डाय -नासौर्स के विनाश का कारण बन चुकी है .).लेकिन साइंसदानों ने इससे बचाव के उपाय तलाश लियें हैं .निगाह रखी जा रही है पृथ्वी की ओर आते कुछ सौ मीटर आकार के अन्तरिक्षीय पिंडों पर .खतरे के समय इन पर एटमी हथियार का ज़खीरा दागा जा सकता है ,लेकिन इसमें भी एक दुविधा यह है तमाम टुकड़े पृथ्वी की ही ओर आते रहेंगें .,नुकीले ओर पैनेशार्प्नेल्स .जैसे आसमानी आफत पहले से ही आ रही थी ।
एक ओर उपाय तलाशा जा चुका है ,भनक पड़ते ही एक स्पेस -क्राफ्ट आसमानी पिंड की ओर रवाना किया जाएगा जो अपने गुरुत्वीय टाहोके(धक्के ,पुश ) से धीरे धीरे इसका मार्ग बदल देगा ,भौमेतर पिंडों की ओर ,पृथ्वी से परे की कक्षा की जानिब .

1 टिप्पणी:

आचार्य उदय ने कहा…

प्रभावशाली पोस्ट।