रविवार, 18 जुलाई 2010

बस साठ करोड़ साल पुरानी है "ह्यूमेन स्पर्म जीन "

अमरीकी साइंसदानों ने ह्यूमेन स्पर्म जीन का काल निर्धारण कर इस सेक्स स्पेसिफिक जीवन इकाई की उम्र ६० करोड़ बरस बतलाई है ।
मानवीय सेहत और गर्भ -निरोध के लिए यह एक महत्वपूर्ण खबर है जिसका बहुबिध उपयोग किया जा सकता है ।
नार्थ वेस्ट्रन विश्वविद्यालय के साइंसदानों ने इस यौन सम्बन्धी आनुवंशिक इकाई को नाम दिया है "बौले "स्पार्मेता -ज़ोआ का उत्पादन यही जीवन खंड करवाता है .अब तक के आनुवंशिक एवं जैविक उद्भव एवं विकास के क्रम में यह जीवन इकाई अप्रभावित चली आरही है .यह सभी प्राणियों में मौजूद है .कीट -पतंग से लेकर सभी स्तनपाइयों में इसकी मौजूदगी दर्ज़ हुई है .इसका मतलब सभी के पीछे एक सांझा "प्रोटो -टाइप जीन "रहा है .शुक्राणु(स्पर्म ) उत्पादन में जिसकी भागेदारी चली आरही है .इवोल्यूशनरी लाइन में इसी का डेरा है .ह्यूमेन ,मैमल ,फिश ,इन्सेक्ट ,वोर्म से लेकर मरीन -इन -वर्तिब्रेट्स तक .

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