शनिवार, 17 जुलाई 2010

मिजाज़ को बदल देती है आई -दोजिंग ..

क्या है आई -दोजिंग ?
आई -डोज़र .कोम के निर्माता निक्क अश्तों के मुताबिक़ यह एक निरापद और सर्वथा सुरक्षित वैब -साईट है जिससे निस-शुल्क अटोनल ट्रेक्स डाउन लोड कर अँधेरे कमरेमें हेड फोन लगाकर खिसका जा सकता है .लेकिन यह बारहा सुनने से आपका मिजाज़ बदल डालता है .हेलूसिनेशंस भी हो सकतें है आपको ,ऐसी आवाजें सुनाई तथा दृश्य दिखलाई दे सकतें हैं जो आपके परिवेश में नहीं है ।
क्या है एटोनल -संगीत ?
म्युज़िक इन व्हिच नोट्स आर नाट रिलेटिड तू एनी मोड आर की ,नाट रितिन इन एनी पट्टी -क्युलर की ।
आई -डोज़ .यू एस के अनुसार उनके बिनौरल बीट्स (बाई -नौरल बीट्स ) की सूची में ऐसे ट्रेक्स हैं जिन्हें बार बार (बारहा )सुनने से गुड वाइब्स से लेकर धूम्रपान छोड़ने ,प्री -मेन्स्त्रुअल सिंड्रोम के लक्षणों की उग्रता को कम करने में मदद मिलती है ।
ऐसे ही एक ऋ -किर्येशनल सिम्युलेसन पैक की कीमत १६.९५ डॉलर रखी गई है .यह एम् पी थ्री फोर्मेट में ४ दोज़िज़ का कलेक्सन है .जिनके नाम है ,मारिज़ुआना ,कोकीन ,ओपियम ,पेयोते ।
अलबत्ता लत पड़ जाने का ख़तरा अंतर -निहित है ।
आई -दोजिंग हैलूसिनेसन पैदा करने के काम में भी लिया जा रहा है ,चुपके चुपके ।
नौनिहालों के लिए इसके खतरे सर्वाधिक हैं .यही वह वर्ग है जो डिजिटल ड्रग्स को सुन रहा है ."दे आर डाउन लोडिंग एंड लिसनिंग तू डिजिटल ड्रग्स .ओक्लाहोमे मुस्तांग हाई स्कूल के कैम्पस से ही पहली मर्तबा छात्रों द्वारा आई -दोजिंग करने की खबर बाहर आई है ।
"दे वर काट वेस्टिंग आन मनाटोनस लेयर्ड साउंड्स इन अ डार्क रूम ."न्यूज़ .कोम .एयू के मुताबिक़ स्कूल जिला सुप्रिन्तेंदेंट ने इन छात्रों के माँ -बाप तक को इस आसन्न खतरे के प्रति आगाह कर दिया था ।
"अ पर्सन कैन आई डोज़ बाई सिम्पली फाइंडिंग अ डार्क रूम ,स्लीपिंग ऑन दी हेद्फोंस एंड सिटिंग मोशन- लेस ,लिसनिंग तू रिपितितिव एटोनल -ट्रेक्स "।
सन्दर्भ -सामिग्री :-न्यू वे तू गैट हाई दी डिजिटल वे (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,जुलाई १७ ,२०१० )

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