शुक्रवार, 20 अगस्त 2010

बेली फैट थोड़ा सा भी बढ़ने का मतलब ?

जस्ट ए लिटिल बेली फैट कैन हार्म ब्लड वेसिल्स (मुंबई मिरर ,अगस्त २०,२०१० ,पृष्ठ ३० ,साइंस -टेक्नोलोजी )।
मेयो क्लिनिक रिसर्चरों के अनुसार स्वस्थ लोगों द्वारा बस थोड़ा सा भी बेली फैट (९ पौंड्स )ज़मा करलेना बढा लेना उनके लिए एंडो -थेलिअल सेल डिस -फंक्शन के जोखिम को बढा देता है .
एंडो -थेलिअल कोशायें ब्लड वेसिल्स (रुधिर -वाहिकाओं )का अस्तर तैयार करती हैं ,तथा इनके सिकुड़ने फैलने पर काबू रखतीं हैं ।
एंडो -थेलिअल सेल्स लाइन दी ब्लड वेसिल्स एंड कंट्रोल दीएबिलिटी ऑफ़ दी वेसिस्ल्स टू एक्सपैंड एंड कोंत्रेक्ट.एंडो -थेलिअल डिस -फंक्शन का सम्बन्ध मुद्दत से परि -ह्रदयधमनी रोगों के खतरे के वजन के बढ़ने से जोड़ा जाता रहा है .मेयो क्लिनिक के हृदरोग माहिर विरेंद सोमेर्स इसकी तस्दीक करतें हैं ।
यूं कोलिज के मौज मस्ती के दिनों में ,छुट्टी भुगताते हुए एक लम्बी विभिन्न देशों कीसमुद्री यात्रा के दौरान कुछ पोंड्स वजन का बढना कोई अनहोनी नहीं ,निरापद ही समझा जाता है .लेकिन दिक्कत तब होती है जब इजाफा एब्डोमिनल फैट (विसीरल फैट में हो )में हो बेली फैट बढे .इसके हृद रोग सम्बन्धी निहितार्थ हो सकतें हैं .दिल की सेहत को असर ग्रस्त कर सकता है यह थोड़ा सा भी बेली फैट ।
अधययन में सोमेर्स ने ४३ स्वस्थ स्वयं सेवियों को नियुक्त किया .इनकी औसत उम्र २९ वर्ष थी .इनकी बाजू की आर्टरी में रक्त की आवाजाही देख कर एंडो थेलिअल डिस -फंक्शन का जायजा लिया गया .इन्हें या तो ८ सप्ताह तक वजन बढाने की सलाह दी गई या वजन को एक समान बनाए रखने की .साथ ही इस दरमियान रक्त -प्रवाह का जायजा भी लिया जाता रहा .जिन लोगों का वजन बढा अब उन्हें वजन घटाने के लिए कहा गया .एक बार फिर रक्त प्रवाह का जायजा लिया गया ।
जिन लोगों ने विसरल फैट बढाया उन लोगों का रक्त चाप हालाकि सामान्य ही रहा लेकिन बाजू की आर्टरी में रक्त की आवा- जाही कमतर हो गई .लेकिन वजन(बेली फैट ) घटा लेने पर इसकीबराबर आपूर्ति भी हो गई .
जो लोग अपना वजन एक दिए हुए स्तर पर बनाए रहे उनमे रक्त प्रवाह का विनियमन असर ग्रस्त नहीं हुआ जिनका वजन तो बढा लेकिन यकसां केवल बेली फैट नहीं ,समान रूपसे पूरी काया में बढ़ा उनमे रक्त प्रवाह कमतर असरग्रस्त हुआ .
लेकिन जिन का वजन सालों साल बढा रहता है ,वजन घटाने पर रक्त प्रवाह की पुनर -प्राप्ति उतनी ही हो पाती है इसका कोई निश्चय संकेत अध्ययन नहीं देता ।
अलबत्ता ज्यादा खतरनाक है एब्डोमिनल ओबेसिटी ,ओबेसिटी के बरक्स .यह तो एक दम से शीशे की तरह साफ़ ही है ।
अध्ययन अमरीकन कोलिज ऑफ़ कार्डियोलोजी में प्रकाशित हुआ है ।
एंडो -थेलियम ?
ए लेयर ऑफ़ सेल्स देट लाइंस दी इनसाइड ऑफ़ सर्टेन बॉडी केविटीज़ फॉर एग्जाम्पिल ब्लड वेसिल्स इस काल्ड एंडो -थेलियम .

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