मंगलवार, 17 अगस्त 2010

स्पेअर एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल्स से ओ -निगेटिव ब्लड

लेब मेड "आर बी सीज" प्रोमिज़ अन -लिमिटिड ब्लड ,क्रिएटिंग ओ -निगेटिव ब्लड फ्रॉम स्पेयर एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल्स कुड हेल्प डू अवे विद शोर्टे -जीज़ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई अगस्त १७ ,२०१० ,पृष्ठ १५ )।
सिंथेटिक ओ -निगेटिव ब्लड अब भविष्य में प्रयोग शाला में भी तैयार किया जा सकेगा .इस दिशा में पहला कदम रख दिया गया है ।
ब्रितानी साइंसदानोंने इस एवज उन कलम कोशिकाओं (स्टेम सेल्स )को काम में लिया जिन्हें इनवीट्रो -फर्टी-लाइजेशन के दौरान बची खुची एम्ब्रियोज़ से प्राप्त किया गया ,फर्टिलिटी क्लिनिक में अक्सर ये जाया हो जाती हैं जहां फैंक दिया जाता है बचे खुचे एम्ब्रियोज़ को .
आप जानतें हैं ओ-निगेटिव युनिवर्सलडोनर ग्रुप है जिसे वक्त ज़रुरत पर किसी को भी चढ़ाया जा सकता है .रोग -प्रति -रोधी तंत्र सभी का इसे स्वीकृति प्रदान कर देता है ।
साइंसदानों ने फर्टिलिटी क्लिनिक्स से तकरीबन १०० ऐसे ही एम्ब्रिओज़ जुटाए .इनसे कई स्टेम सेल लाइंस तैयार की गईं .इन्हीं में से एक लाइन ,आर सी -७ पहले ब्लड स्टेम सेल्स और बाद में ऐसी लाल रुधिर कणिकाओं (रेड सेल्स केरिंग ऑक्सीजन )में तब्दील कर लिया गया जो ऑक्सीजन वाही हिमोग्लोबिन का वाहन बनती हैं ।
माहिरों के अनुसार एक दिन यही कृत्रिम रक्त ब्लड बैंक्स में खून की कमी एवं डोनर और प्राप्त करता के बीच रोग संक्रमण को मुल्तवी रखेगा ।
सिद्धान्तिक तौर पर एम्ब्रियोनिक स्टेम सेल लाइंस से आखिर कार रेड ब्लड सेल्स बनाना मुमकिन हुआ है .तीन साला प्रायोगिक अवधि के बाद एक यूनिट रेड सेल्स (वन पिंट रेड सेल्स )क्लिनिकल ग्रेड की यक़ीनन बना ली जायेंगीं .इनमे लाल रुधिर कोशाओं के वह तमाम गुण मौजूद रहेंगें जो परखनली (इन वीट्रो रेड सेल्स )में होतें हैं .यही मंतव्य है इस प्रोजेक्ट के अगुवा एवं स्कोटिश नेशनल ब्लड ट्रांस -फ्यूज़न सर्विस एडिनबरा के निदेशक मार्क टर्नर का ।
उम्मीद की जाती है आइन्दा पांच सालोंमे ही इस सिंथेटिक ब्लड के नैदानिक परीक्षण आरम्भ हो जायेंगें .लक्ष्य रहेगाउद्योगिक बायो -रिएक्टर्स की मदद से २० लाख पिंट कृत्रिम रक्त का उत्पादन .अलबत्ता उससे पहले क्लिनिकल ट्रा -य्ल्स को हरी झण्डी (स्वीकृति) दिलवानी होगी ।
रेग्युलेटर्स की कसौटी पर भी रेड सेल्स की गुणवत्ता को खरा उतरना होगा .तभी मानवीय परीक्षण शुरू हो सकेंगें .फुल्ली दिफ्रेंशियेतिद रेड ब्लड सेल्स तैयार कर लेने का ९० फीसद सफ़र तय कर लिया गया .बाकी भी कट जाए दुआ कीजे .

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