शुक्रवार, 13 अगस्त 2010

दिमागी कोशाओं से संवाद की लिए माइक्रो -चिप

नाव, ए माइक्रो -चिप देट स्पीक्स टू ह्यूमेन ब्रेन /इट ट्रेक्स चैन्ज़िज़ इन ब्रेन एक -टी -विटी एंड कैन हेल्प पीपल विद डिमेंशिया (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई अगस्त १२ ,२०१० ,पृष्ठ १९ )।
कनाडा के साइंसदानों ने एक ऐसा माइक्रो चिप (वास्तव में न्यूरो -चिप )तैयार कर लिया है जो हमारे दिमाग की कोशाओं यानी न्युरोंस से संवाद कर सकता है .इस अन्वेषण से पार्किन्संस सिंड्रोम तथा अल्झाइमर्ज़ के मरीजों को देर सवेर फायदा हो सकता है ।
वासत्व में यह न्यूरो -चिप दिमाग में चलने वाले न्यूरोन -न्यूरोन संवाद (विद्युत् एवं रासायनिक बातचीत )का मानी -टर- अन कर सकता है .अलावा इसके दिमाग में होने वाले अति -सूक्ष्म जैव -रासायनिक परिवर्तनों की टोह भी ले सकता है .कालगरी यूनिवर्सिटी के साइंसदानों के मुताबिक़ दिमाग के इन इलाकों तक पहुँच का गहरा अर्थ है .इसका मतलब यह हुआ कल कई न्यूरो -लोजिकल कंडीशंस केसटीक एवं द्रुत प्रबंधन के लिए नै से नै दवा के परीक्षण हो सकतें हैं .
अब से पहले दिमाग की इन अति सूक्ष्म गति -विधियों की पड़ताल नहीं हुई है .किसी ने नहीं जाना है ,कोशायें वहां क्या कर रही हैंसूक्ष्मतर धरातल परहो क्या रहा है . ?
नावेद सैयद इस शोध की अगुवाई कर रहें हैं .बकौल आपके इसका मतलब यह भी हुआ ,आयन - चैनलों के स्तर पर दिमाग की सक्रियता में क्या कुछ सूक्ष्मतम स्तर पर घटित हो रहा है ,साइन- एप्टिक पोटें- शियाल्स के धरातल पर क्या कुछ हो रहा है इसका भी कयास अब लगाया जा सकेगा .न्यूरो -ड़ीजेंरेतिवतथा न्यूरो -साईं -कोलोजिकल डिस -ऑर्डर्स के इलाज़ के लिए नै दवाओं के लिए यह बेहतरीन टारगेट्स हैं .दिमागी कोशाओं के अप -विकास के संग साथ अल -झाई -मर्ज़ जैसे रोगों में तो दिमाग ही सिकुड़ने सिमटने लगता है .और इसीलिए ये रोग ला -इलाज़ बने रहें हैं ।
दिमागी कोशा और चिप के बीच संवादका मानी -टर -अन एक बड़ी खबर है .एक दिन न्यूरो -चिप प्रत्या -रोप(न्यूरो -चिप इम्प्लान्ट्स )कृत्रिम रूप से प्रत्यारोपित अंगों का सुचारू रूप संचालन भी कर सकतें हैं .सेरिब्रल वैस्क्युलर एक्सीडेंट के बाद चली गई आवाज़,संभाषण और बिनाई (विज़न )की पुनर्प्राप्ति करवा सकतें हैं . न्यूरोन गडबडी की दुरुस्ती भी कर सकतें हैं जो कईदिमागी मर्जों की बुनियादी वजह बनता है .इनमे पार्किन्संज़ डिजीज और अल्झाई -मर्ज़ तो शामिल हैं ही ।
कल लिविंग न्युरोंस भी सिलिकोन सर्किट्स का संचालन कर सकेंगें .यह एकप्रस्तावित ओरगेनिक कंप्यूटर की सेंटर प्रोसेसिंग यूनिट का सक्रीय अंग बनेगें .

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