बुधवार, 22 सितंबर 2010

भारतीय विज्ञानियों ने हाई -प्रोटीन देने वाली आलू की नस्ल तैयार की

इंडियन साइंटिस्ट ग्रो वर्ल्ड्स फस्ट हाई -प्रोटीन पोटेटो (दी टाइम्स ऑफ़ इंडियापब्लिकेशन ,मुंबईमिरर ,सितम्बर २२ ,२०१० ,पृष्ठ २५ /साइंस -टेक )।
भारतीय विज्ञानियों की एक टीम ने पहली मर्तबा आलू की एक ऐसी आनुवंशिक तौर पर संशोधित नस्ल तैयार की है जो प्रति ग्रेम ६०%ज्यादा प्रोटिनें मुहैया करवाएगी ,बरक्स आम किस्मों के .सेन्ट्रल पोटेटो रिसर्च इंस्टिट्यूट ,शिमला के सुब्र- चक्र -बोर्टी के नेत्रित्व में साइंसदानों की एक टीम ने यह स्पुड(पोटेटो ) तैयार किया हैजो प्रति एकड़ उपज भी अपेक्षा कृत ज्यादा मुहैया करवाएगा .न्यू साइंटिस्ट में इस अन्वेषण की पूरी रिपोर्ट प्रकाशित हुई है ।
अमरंथ (ग्रेन से (एक अनाज देने वाली फसल जो उष्ण कटिबंधी क्षेत्र में बहुत खाया जाता है .)से एक जीवन इकाई लेकर आलू की इस सुधरी हुई किस्म में रोप दिया था .इसका सम्बन्ध एक डी एन ए कोड से था .यही प्रोटीन के भण्डार देने वाला साबित हुआ .बस ट्यूबरमें प्रोटीन की मौज हो गई .
चूहों और खरगोशों को खिलाने पर इसके कोई टोक्सिक प्रभाव भी सामने नहीं आयें हैं.मजेदार बात यह है इस पादप में प्रकाश संश्लेषण की क्रियाभी ज्यादा होती है और यह प्रति एकड़ फसल १५ -२५ फीसद तक ज्यादा देता है .(१५-२५ %मोर पोटेटोज बाई वेट ).औरयह सब बस एक जीन (जीवन खंड ,जीवन इकाई का कमाल रहा है .).
मानवीय पोषण पर इस नै किस्म का बड़ा ही अनुकूल प्रभाव पड़ेगा .उद्योग और फोडर(चारे ) के लिए भी यह लाभ का सौदा सिद्ध होगी .स्वाद से भी भरपूर है आलू की यह किस्म .पकाने और संशोधित करने में भी अव्वल है .इंडियन रेग्युलेटर्स से इस प्रोटीन -बहुल आलू के आम स्तेमाल की मंज़ूरी मांगी गई है .बस थोड़ा सा इंतज़ार कीजिये .आलू आपके घर द्वारे होगा .

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