मंगलवार, 21 सितंबर 2010

पानी ही है झुर्रियां भगाने का जीवन अमृत ,परम -औषधि

ड्रिंक वाटर टू गेट रीड ऑफ़ रिन्किल्स ,सेज एक्सपर्ट्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,सितम्बर २१ ,२०१० ,पृष्ठ १९).
चमड़ी को तरोताजा लेमन फ्रेश बनाए रखने के लिए दिन भर में कमसे कम ८ ग्लास स्वच्छ पानी पीजिये .परम -औषधि ही नहीं जीवन अमृत है ,चिर युवा बने रहने दिखने का नुश्खा है जल .इसीलिए तो जल को जीवनभी कहा गया है .फिर हमारी प्रकृति भी शरीर का बहुलांश भी तो जल ही है .यही कहना है माहिरों का .
सिस्टम्स की साफ़ सफाई ,टोक्सिक वेस्ट से मुक्ति ,रंग रूप में निखार ,चेहरे को दागदार (बे -दाग )बनाए रहने में मददगार है जल .इतना ही नहीं झुर्रियों को हठाने में चमड़ी को नम बनाए रहने में भी इसकी विधाई भूमिका बनी रहती है .एक कुदरती नमी कारक है जल ,जो निश्शुल्क सहज सुलभ है (वैसे भारत के सन्दर्भ में यह बात धड़ल्ले से नहीं भी कही जा सकती .६३ सालों की आज़ादी का यही हासिल है पीने को साफ़ पानी नहीं है ,गुसल करने को जगह नहीं है सबके पास ,शौच घर नहीं है .)।
एक डबल ब्लाइंड ,प्लेसिबो कंट्रोल्ड ट्रायल में महिला सहभागियों को ८ सप्ताह तक ट्रायल की पूरी अवधि में एक से डेढ़ लीटर पानी रोजाना लेते रहने के लिए कहा गया .शेष जीवनशैली को ज्यों का त्योंही बनाए रखने के लिए भी कहा गया .ट्रायल के अंत में उन लोगों की झुर्रियों का १९ फीसद सफाया हो गया जो सादा नलके का पानी पी रहीं थीं जबकि विलो वाटर (एक कुदरती मिनरल वाटर सोर्स्द इन यु केज लेक डिस्ट्रिक्ट )का सेवन करते रहने वाली महिलाओं के मामले में चेहरे से झुर्रियों का २४ %सफाया हो गया .

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