रविवार, 14 नवंबर 2010

क्यों मुम्बैकर डायबिटीज़ की चपेट में ज्यादा आ रहें हैं ?

ऑन इंडियाज दाय्बेतिक मेप ,मुंबई कम्स ऑफ़ एज वर्स्ट (लीड न्यूज़स्टोरी , टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई नवम्बर १४ ,२०१० )।
भारत को आलमी स्तर पर तथा भारत में मुंबई को मधुमेह -राजधानी होने का गौरव प्राप्त है .(बेशक मुम्बईकर स्वभाव से भी मीठे हैं लेकिन यहाँ मामला एब्नोर्मल ब्लड ग्लूकोज़ का है .)जिसमे नेचर और नर्चर ,जीवन शैली भी अपना पार्ट अदा कर रही है .मुम्बईकर को तेज़ रफ्तार जिंदगी में सुबह की गुनगुनी धूप में स्नान करने की मोहलत नहीं मिलती जबकि बीटा सेल्स इंसुलिन बनाने का काम ठीक ठाक करें इसके लिए धूप में मुफ्त में मिलने वाला विटामिन -डी एहम रोल अदा करता है .आप जानते हैं अग्नाशय में होतीं हैं बीटा सेल्स विटामिन -डी की कमी व्यक्ति को इंसुलिन -रेजिस -टेंट बना देती है .जिसका मतलब है इंसुलिन बे -असर होने लगा है खून में मौजूद शक्कर को ठीक से जला नहीं पा रहा है ।
मुंबई में भी औरतें ग्लूकोज़ एब्नोर्मेलिती के मामले में मर्दों से आगे हैं .इसकी वजह औरतों का मोटापे की जद में आते चले जाना बन रहा है .दूसरी वजह औरतों में होने वाले हारमोन बदलाव बनते हैं .यौवन की देहलीज़ पर पाँव रखने से लेकर ,गर्भावस्था तक .इससे भी पहले गर्भ -निरोधी तरह तरह की तिकियाओं का बढ़ता रिवाज़ आई -पिल से लेकर आई -पिल तक . ७२ घंटे का छोडिये बात उससे भी आगेली जाने वाली आई -पिल तक पहुँच गई है .
अलावा इसके जीवन शैली यहाँ तक की अस्थाई प्रेम -संबंधों ,सह -जीवन (लिविंग टुगेदर )से रिश्ता तनावऔर तनाव से पैदा कोर्टिसोल हारमोन औरतों के मामले में एक एहम एंटी -इंसुलिन एजेंट सिद्ध हो रहा है ।
महत्व -कांक्षी मर्द दिन रात काम करता है .खाने पीने का कोई रूटीन नहीं .स्वास्थाय्कर भोजन से टूटता रिश्ता .व्यायाम के लिए वक्त की तंगी तेज़ रफ्तार ज़िन्दगी की सौगातें हैं ।
उक्त नतीजे अप्रेल से सितम्बर तक संपन्न एक सर्वे से जिसमे दिल्ली ,मुंबई ,चेन्नई ,पुणे एहमदाबाद ,और सूरत के २,२८,००९ औरत मर्दों की पड़ताल की गई थी निकले हैं .एब्नोर्मल ब्लड सुगर लेवेल्स मुम्बईकर में ७३.३ %तक उच्चतर पाए गये हैं जबकि सूरत के लिए यह ४५.३%ऊंचे ,दिल्ली एहमदाबाद ,पुणे चेन्नई के लिए ४४.१,४१.१ ,३९.१ २९.६ %तक ही ऊंचे पाए गये ।
मेट्रोपोलिस द्वारा संपन्न एक सर्वे के मुताबिक़ जहां अन्य शहरों में एब्नोर्मल ग्लूकोज़ ५५ साल की उम्र के पार ही दिखा वहीँ मुम्बईकर के मामले में यह सभी आयु वर्गों में दिखलाई दिया .ज़ाहिर है औसत मुम्बईकर अपेक्षाकृत जल्दी और कम उम्र में ही डायबिटीज़ की और बढ़ रहा है ।
श्रीमान राज ठाकरेजी उत्तर भारतीय डायबिटीज़ का ट्रिग्गर नहीं है .जीवन शैली दुरुस्त कीजिये मुंबई की करना ही है तो .

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