गुरुवार, 25 नवंबर 2010

भूमंडलीय गर्माहट से ज्यादा गरमा रहीं हैं दुनिया भर की झीलें ..

हॉट फेक्ट :लेक्स वार्मिंग अप फास्टर देन लैंड ,एयर."नासा "युज़िज़ सेटेलाईट इमेज़िज़ टू स्टडी १०४ वाटर बॉडीज .(दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,नवम्बर २५ ,२०१० )।

हवा के बरक्स ज्यादा गरमा रहा है दुनिया भर की ठंडी झीलों का जल .मौसम विज्ञान के माहिरों के अनुसार यह विश्व -व्यापी तापन का एक और प्रमाण है ।

इस निष्कर्ष पर पहुँचने के लिए अमरीकी अन्तरिक्ष संस्था "नासा "के साइंसदानों ने समुद्र तटों से दूर दुनिया भर की १०४ इनलैंड -लेक्स (अंतर -देशीय ,देश के भीतरी भागों में बहने वाली बड़ी बड़ीठन्डे पानी की झीलों ) के बाबत उपग्रहों से प्राप्त तमाम आंकड़ों का अध्ययन विश्लेसन किया है .पता चला १९८५ के बाद से अब तक इनका औसतन तापमान १.१ सेल्सियस बढ़ गया है .यह वृद्धि विश्व -व्यापी तापमानों में इसी अवधि में होने वाली बढ़ोतरी से ढाई गुना ज्यादा है ।

रूस की लादोगा और अमरीका की ताहो लेक्स २.२ तथा १.७ सेल्सियस गरमा उठी हैं इस अवधि में .इस एवज गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसमों में जुटाई गई इन झीलों की इन्फ्रा -रेड इमेज़िज़ की पड़ताल की गई है ।

बोयेंसी डाटा से भी इनका मिलान किया गया ।हवा के विश्वव्यापी तापमानों पर भी यह आंकडें सटीक उतरे हैं .

कुछ जगहों पर झीलें हवा से ज्यादा गरमा रहीं हैं .सवाल यह है झीलें हवा से ज्यादा क्यों गरमा रहीं हैं .ज़वाब सीधा -साधा है .पानी की विशिष्ठ ऊष्मा ज्ञात खनिजों में सबसे ज्यादा होती है इसलिए पानी देर से ही गरम तथा देर से ही ठंडा होता है .झीलें देर से गर्मातीं हैं देर से ही ठंडाती हैं .

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