रविवार, 19 दिसंबर 2010

सौर -महत्तम २०१२ के दरमियान ..........

इंटेंस सोलर एक -टीवीटी इन २०१२ कुड ट्रिप मोबाइल फोन्स ,जी पी एस (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,दिसंबर १३ ,२०१० ,पृष्ठ १७ )।
माहिरों के अनुसार सन २०१२ में उत्तर -ध्रुवीय रोशनियों की नुमाइश अपने शबाब पर होगी .गत पचास सालों में कुदरत का यह नजारा अपनीअलग ही छटा ज़रूर बिखेरेगा लेकिन साथ ही एक ट्रिप स्विच की तरह यह ग्लोबल पोजीशनिंग सेटेलाईट सिस्टम ,मोबाइल फोन्स की पावर को ठप्प कर देगा .वजह बनेगा सोलर -मेक्शीमा(सौर -महत्तम )।
सोलर एक -टीवीटी अधिकतम हो जाने पर सूरज की सतह से सौर पवनों के रूप में चार्ज्ड पार्तिकिल्स (आवेशित कण) प्रचंड वेग से निकलतें हैं .हमारे ऊपरी वायुमंडल में गैसीय अणुओं से टकरातें हैं .अणुओं में तात्कालिक तौर पर एक विकृति पैदा हो जाती है .ऊर्जा -सीढ़ी में यह ऊपर चढ़ जातें हैं .विज्ञान की भाषा में उत्तेजित हो जातें हैं .उत्तेजना शांत होने पर रंग बिरंगी रोशनियाँ (लाईट ऑफ़ डिफरेंट वेव -लेंग्थ )छोड़ने लगतें हैं .यही हैं 'आरारा बोर्लियेस '/नोदरण लाइट्स ,उत्तरी -ध्रुवीय ज्योतियाँ ।रंगों की यह नुमाइश ११ साला मेला उत्तर ध्रुव के ऊपर लगता है इसीलिए इन्हें उत्तरी -ध्रुवीय रोशनियाँ ,नोर्द्रण लाइट्स कहा जाता है .
दरअसल सौर महत्तम (सोलर मैक्सिमम ) के दरमियान सौर -चुम्बकीय क्षेत्र सोलर इक्वेटर(सौर -मध्य रेखा ,नोर्थ साउथ ऑफ़ दी इक्वेटर ) पर सौर ध्रुवों (सोलर पोल्स )के बरक्स ज्यादा तेज़ी से नर्तन करने लगता है .११ साला होता है सोलर सन स्पोट साइकिल जब सौर गतिविधि ,सौर सक्रियता बढ़कर अधिकतम हो जाती है .सौर पवनें ,सौर झंझा की वजह यही सौर चक्र बनता है ।
आखिरी सौर चक्र २००० में संपन्न हुआ था .२०१२ में सौर चक्र से पैदा सोलर -मैक्सिमम की तीव्रता १९५८ के बाद से सर्वाधिक होगी .तब मेक्सिको के लोग इन रोशनियों (नोर्द्रण लाइट्स )कोएक नहीं तीन मर्तबा देखकर सन्न रह गए थे ।
२०१२ में यह रोशनियाँ (उत्तरी -ध्रुवीय ) धुर दक्षिण में रोम से भी देखी जा सकेंगी ,ऐसा होगा यह भव्य प्रदर्शन जो मोबाइल्स ,जी पी एस तथा नेशनल ग्रिड्स के डिस -रप्शन की वजह भी बन सकता है .

कोई टिप्पणी नहीं: