शुक्रवार, 24 दिसंबर 2010

प्रचंड आवेग से ताल्लुक रखने वाली जीवन इकाई का पता मिलगया है ...

साइंटिस्ट डिस्कवर जीन देट ट्रिगर्स वायोलेंट एंगर (दीटाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,२४ ,२०१० ,पृष्ठ १९)।
रिसर्च्दानों ने एक ऐसे जेनेटिक म्यूटेशन (जीवन इकाइयों में होने वाला उत्परिवर्तन,आनुवंशिक संरचना में जीवन
इकाई के स्तर पर होने वाला बदलाव ) का पता लगाया है जो शराब खोरी के बाद व्यक्ति को हद के बाहर क्रोधोंमाद में ले आता है ।
अपने अध्ययन में रिसर्च दानों ने कुछ ऐसे स्वयंसेवियों के डी एन ए के पूरे सिक्वेंस का पता लगाया जो एक दम से आवेग पूर्ण व्यवहार करने लगते थे .अब इतने ही गैर आवेगशील (नॉन -इम्पल्सिव )लोगों के डी एन ए कि सिक्वेंसिंग कि गई ।
पता चला एक अकेले डी एन ए में होने वाला बदलाव एच टी आर २ बी नामक जीवन इकाई (जीन ) को ब्लोक कर देता है .यही सिंगिल डी एन ए चेंज इम्पल्सिव बिहेवियर की वजह बन जाता है .यह जीन सिरोटोनिन के उत्पादन तथा डिटेक्शन इन दी ब्रेन को असर ग्रस्त करता है ।
ध्यान रहे एक ऐसा न्यूरो -ट्रांसमीटर (दिमागी जैव रसायन )है सिरो -टोनिन
जो hamaare vyvhaar ko prabhaavit kartaa hai .ek dam se aaveg me aa jaanaa bhi isi vyavhaar ke tahat aataa hai .
Serotonin is a neurotransmitter known to influence many behaviours ,including impulsivity.The journal Nature has published this report .

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