मंगलवार, 28 दिसंबर 2010

क्या वजह बनती है 'पार्किन्संज़ डीज़ीज़' की?

काज ऑफ़ पार्किन्संज़ डीज़ीज़ ?
दिमाग में एक जैवरसायन होता है डोपामिन .दिमाग में संचार (कम्युनिकेशन )का काम ,एक न्यूरोन से दूसरे तक सूचना पहुंचाने का काम यही रसायन करता है इसीलिए इसे न्यूरो -ट्रांस -मीटर भी कहा जाता है .अब यदि दिमाग में यह जैव -रसायन बन्ना मुल्तवी हो जाए तब नर्व सेल्स के बीच संचार का पुल भी टूट जाता है .दिमाग की एक एकल कोशिका को ही नर्व सेल या न्यूरोन कहा जाता है .डिज़ इज ए क्वांटम ऑफ़ ब्रेन .नर्व टू नर्व संचार सेतु ढह जाने का मतलब बोध सम्बन्धी कोगनिटिव तथा बॉडी -ली मूवमेंट्स का बाधित हो जाना है ।
बेशक माहिरों को अभी यह इल्म नहीं है ,इन नर्व सेल्स के डेमेज होने ,क्षति ग्रस्त होने की वजह क्या है .क्यों कुछ लोग पार्किन्संज़ सिंड्रोम की चपेट में आ जातें हैं .लेकिन यह कोई संक्रमण शील या छूत की बीमारी नहीं है ।
लक्षण क्या है पार्किन्संज़ के ?
पार्किन्संज़ डीज़ीज़ अफेक्ट्स बॉडी -ली कंट्रोल रिज़ल्टिंग इन मूवमेंट डिफी -कल -टीज़ ,मस्क्युलर स्टिफनेस ,एंड ट्रेमर्स .अदर सिम्टम्स इनक्लूड ऑटो -नोमिक डिस -फंक्शन ,कोग्नीतिव एंड न्यूरो -बिहेवियरल प्रोब्लेम्स एंड सेंसरी एंड स्लीप डिफी -कल्तीज़मरीज़ का गेट(ठवन )बिगड़ जाता है ।
इस बीमारी को पार्किन्सोनिज्म (अकैनेटिक रिजिड सिंड्रोम )भी कहा जाता है .इट्स क्लिनिकल पिक्चर इज करेक्तराइज़्द बाई ट्रेमर ,रिजिडिटी ,स्लोनेस ऑफ़ मूवमेंट एंड पोश्च्युरल इन्स्तेबिलिती .अकसर एक हाथ में कंप देखा जा सकता है .धीरे धीरे यह इसी साइड की टांग तक तथा फिरयह कंप (ट्रेमर ) दूसरे लिम्ब्स तक भी आजाता है .आराम की स्थिति में यह हाथों तक आजाता है ऐसे में चाय का प्याला पानी का ग्लास भी पकडे रहना मरीज़ के लिए मुश्किल हो जाता है .मरीज़ का चेहरा सपाट एक्सप्रेशन लेस ,भावशून्य ,आवाज़ में उतार चढ़ाव से रहित ,अन्मोद्यु -लेतिद स्पीच .दी पेशेंट हेज़ ए शफलिंग वाक् .,एन इनक्रीजिंग टेंडेंसी टू स्टूप .

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