गुरुवार, 6 जनवरी 2011

बेड ब्रेथ से बचाव के लिए .....

एव्होइदिन्ग बेड ब्रेथ (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया/बोम्बे टाइम्स ,मुंबई ,जनवरी ६ ,२०११ ,पृष्ठ १५)।
हेलिटोसिस?/बेड ब्रेथ ?
तेज़ गंधी तामसिक वस्तुओं यथा लहसुन प्याज आदि का सेवन अस्थाई तौर पर मुख दुर्गन्ध /बेड ब्रेथ /हेलिटोसिस की वजह बनता है . पर -एल्दिहाइद जैसी दवाएं भी बेड ब्रेथ की वजह बनती हैं ।
माउथ ब्रीदिंग (मुख श्वसन),पेरिओ -डोंतल डीज़ीज़ (मसूड़ों के रोग ),नाक ,गला, फेफड़ों का रोग संक्रमण ,कब्ज़ी,अपच ,एक्यूट अपेंडी -साइतिस ,यूरेमिया ,यकृत की कई बीमारियाँ भी बेड ब्रेथ की वजह बनती हैं ।
बेशक मुख स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही भी इसकी वजह बनती है जिसकी कीमत आपके सौन्दर्य बोध और रोमांस को उठानी पडती है ।
दरअसल हमारे मुख में दांतों के बीच फंसे खाद्य कण जीवाणुओं को पनपने का मौक़ा मुहैया करवातें हैं .सबसे आसान काम है कुछ भी खाने के बाद कुल्ला किया जाए .दांतों को ऊंगलियों से साफ़ किया जाए .पानी से कुल्ला करने में कुछ भी खर्च नहीं होता ।
दांतों की सफाई जब भी करें कमसे कम तीन मिनिट लगायें .कुछ भी खाने के बाद मुख पर पानी का हाथ फेरा जाए .बचपन से आदत होती है इसकी .पानी खूब पीया जाए .जीवाणु को पनपने से रोकने का यह सबसे आसान उपाय है .मुख के सूखा रहने पर जीवाणु तेज़ी से पनप -तें हैं .टंग क्लीनर का स्तेमाल कीजिये .न सही तो ब्रश से ही साफ़ कीजिये ज़बान को जिस पर जीवाणु आसानी से पनप -तें हैं ।
ताज़े फल और तरकारियाँ खाइए .गाज़र चबा -चबा कर खाने से दांत साफ़ होतें हैं ,मज़बूत भी ।
खाना खाने के बाद लॉन्ग का स्तेमाल कीजिये .माउथ फ्रेश्नार्स सिर्फ फेशन फैड्स नहीं हैं मुख -प्रक्षालक हैं .सौंफ इलायची ताज़ा पासली के पत्ते चबाना बेड ब्रेथ से बचाए रहने में सहायक हैं ।
प्याज और लहसुन के अलावा प्रोटीन बहुल खाद्य (दूध ,चीज़ ,फिश ,मीट यानी मांस -मच्छी आदि का सेवन )भी बेड ब्रेथ की वजह बन सकता है ।
गाज़र ,एपिल्स और सिलेरी (सेलरी)हरे और सफ़ेद डन -ठाल वाली सब्जी जो कच्ची खाई जाती है का स्तेमाल मुख स्वास्थ्य के लिए अच्छा है .ये तमाम तरकारियाँ दांतों पर प्लाक ज़मा नहीं होने देतीं हैं .इनका खुदरा फाइबर (रेशा )एक बेहतरीन एब्रेसिव का काम करता है ,दांतों का कुदरती ब्रश बन जाता है ।
सबसे आसन है कुछ भी खाने के बाद ब्रश न सही कुल्ला ज़रूर कीजिये .सुबह शाम के खाने और नाश्ते के बीच कुछ भी खाने खाते रहने से बचें .बेक्टीरिया को पनप ने का मौक़ा यही आदत मुहैया करवाती है .

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