शुक्रवार, 7 जनवरी 2011

चोरी छिपे धूम्रपान करने वाले किशोरों की अब खैर नहीं ....

क्या आपका लाडला घर से बाहर मौक़ा मिलते ही चोरी छिपे धूम्रपान करने लगा है ?यदि हाँ तो आपकी सहायता के लिए इस संशय की तह तक jaane के लिए 'डिप स्टिक्स "हैं ।
क्या हैं डिप स्टिक्स ?
यह एंटी -बॉडीज पर डॉ .श्रीनिवास पेंत्याला की विस्तृत शोध का नतीज़ा हैं .आप ट्रांस -लेश्नल रिसर्च ,स्टोनी ब्रुक मेडिकल सेंटर ,यु एस ए के निदेशक हैं .इस विषय में इंडियन साइंस कोंग्रेस को जो आपने जानकारी दी है वह इस प्रकार है :
इन डिप्स स्ट्रिप्स का स्तेमाल बीमारियों के रोग निदान में किया जाता है .नतीजा १० मिनिट में हाथ आ जाता है .अलग अलग बीमारियों के लिए हालाकि अलग अलग स्ट्रिप्स काम में ली जातीं हैं लेकिन तरीका एक ही है बीमारी चाहें तपेदिक हो या एच आई वी -एड्स इन्फेक्शन या फिर स्मोकिंग ,प्रयोग विधि प्रेगनेंसी होम किट की तरह सरल है ।
बस गाल के अन्दर की दीवार से एक स्वाब(फाया )या जांच के लिए यूरिन सेम्पिल चाहिए ।
कैसे काम करती है स्मोकिंग डिटेक्शन किट ?
एक डिप स्ट्रिप लीजिये .इसे सस्पेक्ट के यूरिन सेम्पिल में डुबोइए .सिगरेट में मौजूद निकोटिन एक रसायन cotinine me toot jaati hai .
"The nicotine in cigrettes breaks down into a chemical called cotinine .This cotinine stays in the blood stream for atleast 12 days and is realeased through the urine.The dip piks it up .Similarly in the HIV and TB test ,a mucus swab is used .This test can detect the infection in less than three days .

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