सोमवार, 3 जनवरी 2011

खानदानी शराब खोरी संतानों को मोटापे की और ले जाती है ...

एल्कोहलिज्म इन जींस रेज़िज़ ओबेसिटी रिस्क (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी ३ ,२०११ ,पृष्ठ १५ )।
अमरीकी रिसर्च्दानों ने पता लगाया है जिन परिवारों में शराब खोरी (पियक्कड़ -पना) चलता आया है उन परिवारों से ताल्लुक रखने वाले बाल गोपाल नन्द लाल और नन्द लालियाँ शराब से हटके हाई केलोरी ट्रीट्स को तरजीह देने लगतें हैं ।
केलोरी डेंस फ़ूड बूज का स्थान लेने लगा है यह भी उतना ही लतकारी है,एडिक्टिव है .मोटापे के व्यापक रूप से पाँव फैलाने का एक सबब यह भी बन रहा है ।
एल्कोहल हो या फिर जंक फ़ूड पर बेहिसाब टूटना (बींजिंग ऑन जंक फूड्स ) दोनों ही समान रूप से दिमाग के एक ही हिस्से को उत्तेजित करते हैं .नतीज़ा होता है 'आनंदानुभूति /मौज '.यही वजह है शराब -खोरी की ज़द में आने का रुझान और ख़तरा जिन्हें खानदानी वजहों से रहता है वह अब जंक फ़ूड की ओरखींचे चले आरहें हैं .वाशिंगटन विश्विद्यालय सैंट लौईस कैम्पस के साइंसदान ऐसा ही मान समझ रहें हैं .

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