गुरुवार, 6 जनवरी 2011

जीवन शैली में बदलाव थाम सकता है बांझपन ...(ज़ारी )

धूम्रपान का सम्बन्ध पुरुषों में लो स्पर्म काउंट से जोड़ा जाता रहा है .अलावा इसके यह तेजतर्रार स्पर्म को पर कैंच कबूतर की तरह स्लगिश बना देता है .सुस्त और मरियल ,ऐसे में वह ह्यूमेन एग से मिलन मनाये तो कैसे मनाये ?महिलाओं में गर्भावस्था में किया गया धूम्रपान मिस्केरिज के अवसरों को बढाता है ।
औरत और मर्द दोनों में ही एल्कोहल खासकर बिंज ड्रिंकिंग ,बे -हिसाब शराब पीना ,क्रोनिक एल्कोहल एब्यूज, प्रजनन -शीलता (फर्टिलिटी ) को असरग्रस्त करती है खासकर उस दौर में जब वह संतान के लिए प्रयास रत हों ,कुदरती मैथुन या इन -वीट्रो -फर्टी -लाइजेशन ट्रीटमेंट के ज़रिये ।
एल्कोहल स्पर्म काउंट को कम करता है ,आपके यौन -प्रदर्शन (सेक्स्युअल पर्फोर्मंस )को प्रभावित करता है .हारमोनों के संतुलन को विच्छिन्न (तितर बितर )कर देता है .मिस्केरिज के मौके बढाता है ।
दूसरी तरफ दरमियानी किस्म का व्यायाम (मोडरेट एक्सर -साइज़) प्रजनन (गर्भ धारण ,कंसीव करने )में मददगार रहता है ।
प्रजनन -हीनता (इन -फर्टी -लिटी) से बचने का बेहतरीन ज़रिया है एक्सेसिव वेट गैनको मुल्तवी रखना ,रखे रहना .कुछ बीमारियों का समय से रोग निदान होना प्रजनन हीनता से बचा सकता है ।
(१)पेल्विक इन्फ्लेमे -ट्री डीज़ीज़(२)इंडो -मीट्रियो -सिस (३)सर्विकल कैंसर (बच्चे दानी के मुख ,गर्भाशय के मुह का कैंसर )इनमे शामिल हैं ।
यौन संपर्को से प्रसार पाने वाले सेक्स्युँली कम्युनिकेतिद डीज़ीज़ की समय से शिनाख्त और इलाज़ होना प्रजनन -शीलता को बचाए रह सकता है ।
३५ के पार औरत की प्रजनन शीलता कम होती जाती है .बेहतर हो इससे पहले परिवार पूरा कर लिया जाए .स्ट्रेस ,हारमोनों का संतुलन ले बैठता है ,ओव्यूलेशन में बाधा डालता है ।
पी सी ओज ,डायबिटीज़ और उच्च रक्त चाप ओबेसिटी से कहीं न कहीं जुड़े हैं .ओबेसिटी भी प्रजनन हीनता की वजह बन जाती है .प्रजनन को असरग्रस्त तो कर ही सकती है ।
खान- पान की शैली को बदलिए .गहरे रंग की तरकारियाँ और फल खुराक में शामिल कीजिए .फलियों और मेवों को जगह दीजिये .(ज़ारी ...)

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