शनिवार, 15 जनवरी 2011

दिमाग को धारदार नहीं सुस्त बनातीं हैं 'ई -बुक्स '.

ई -बुक्स मेक अवर ब्रैन्स लेज़ी :स्टडी (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी १५ ,२०११ ,पृष्ठ २१ )।

शानदार तरीके से प्रदर्शित की गई पढने में सहज ई -बुक्स हमारे दिमाग को सुस्त बना रहीं हैं .इसमें पढ़े हुए पाठ को पाठक जल्दी ही भूल जाता है .पढने में कोई मेहनत तो करनी नहीं पडती सब कुछ एक दम से स्पष्ट ,साफ़ सुथरा शानदार .,क्रिस्प ,कुलमिलाकर दिमाग को ठस बनाने में देर नहीं लगाता .दिमाग को यही सोफ्ट वेयर जाता है जो पढ़ा जा रहा है कुछ ख़ास नहीं है महत्वहीन है और बस दिमाग को ज्यादा कुछ याद नहीं रहता जो पढ़ा गया था .जबकि प्रिंट को पढने में आँख पर भी स्ट्रेन पड़ता है ई -बुक्स के मामले में ऐसा कुछ नहीं .

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