सोमवार, 10 जनवरी 2011

ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिस -ऑर्डर में फायदा पहुंचा सकती है रेडियो -सर्जरी ...

रेडिओ -सर्जरी मे हेल्प ओ सी डी पेशेंट्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी १० ,२०११ ,पृष्ठ १७ )।
एक नए अध्ययन के अनुसार जब बाकी सब इलाज़ बेअसर हो जाएँ रेडिओ -सर्जरी राहत दिलवा सकती है 'ओब्सेसिव कम्पल्सिव डिस -ऑर्डर '/ओसीडी से ।
पिट्सबर्ग विश्विद्यालय के साइंसदानों ने तीन गंभीर रूप से ओसीडी के मरीजों पर रेडिओ -सर्जरी कामयाबी के साथ आजमाई है .इस एवज़ एक गामा नाइफ(गामा विकिरण की तेज़ धार ) की मदद से दिमाग के एक हिस्से 'दी एंटीरियर सिंग्युलेट कोर्टेक्स 'को इरादीयेट किया गया इसी हिस्से पर चुनिन्दा तौर परधारदार गामा बीम डाली गई .समझा जाता है दिमाग का यही हिस्सा ओसीडी के लिए कुसूरवार है .मरीज़ का मज़ाक उडाता है .उससे बारहा एक ही काम करवाता है .दिमाग का यही हिस्सा व्यक्ति को भ्रमित करता है अरे ताला लगाया या नहीं ?हाथों में गंदगी तो लगी नहीं रह गई ?बार बार मरीज़ हाथ ही साफ़ कर रहा है ,झाड़ू ही लगा रहा है .एक ही कपडे को बारहा धौ रहा है .

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