मंगलवार, 11 जनवरी 2011

कैंसर इलाज़ की कष्टकर पीड़ा से राहत के लिए अद्यतन -प्रोद्योगिकी ...

कटिंग -एज टेक टू टेक पैन आउट ऑफ़ कैंसर ट्रीटमेंट (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी ११ ,२०११ ,पृष्ठ )।
विश्व -स्वास्थ्य संगठन के एक अनुमान के अनुसार आलमी स्तर पर आने वाले दशक में ही
ग्लोबली ,दुनियाभर में कैंसर के मामले अब से तीन गुना ज्यादा हो जायेंगें .वजह बनेगी आदमीकी बढती हुई उमरिया (इन्क्रीज्द लाफ एक्स -पेक्टेंसी) और दैनिक जीवन में फैला पसरा तनाव (स्ट्रेस )।
हर साल भारत में ८लाख नए कैंसर मरीजों का पता चलता है .बा -कायदा रोग निदान के ज़रिये इतने मामले प्रकाश में आतें हैं ।
हर्ष और संतोष का विषय है ,मुंबई नगर पालिका के 'के ई एम्',सायन तथा नायर अस्पतालों में मेमोग्रेम्स (मेमो -ग्रेफ़ी ) की
सुविधा निजी क्लीनिकों से आधे दामों पर उपलब्ध करवाई जायेगी ।
टाटा मेमोरियल अस्पताल के पास जल्द ही प्रोस्टेट तथा मुख कैंसर की एक दम से सटीक और कामयाब सर्जरी के लिए एक रोबोटिक आर्म सर्जन के सधे हुए हाथों में आजायेगी ।
जसलोक अस्पताल के पास पहले से ही एक न्यू -एम् आर आई गाइ -डिड अल्ट्रा साउंड मशीन है .यह पैन लेस कैंसर सर्जरी में काम आती है .जिसमे चीरा लगाने की ज़रुरत नहीं पडती ।
आइन्दा दो माह में ही मुंबई नगर में एंजियो -ज़ाइम इन्जेक्संस के कोलन कैंसर के खिलाफ प्रभाव को जांचने परखने के लिए तीसरे चरण के ट्रायल्स (आजमाइशें) शुरू हो रहें हैं .ये तमाम ख़बरें आम आदमी का उत्साह बढाने वाली हैं .नगर ने कैंसर के खिलाफ एक मुहीम छेड़ दी है .

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