गुरुवार, 13 जनवरी 2011

दर्द नाशी बढातें हैं 'ब्रेन अटेक' और मौत के खतरे के वजन को ....

पैन्किलर्स इनक्रीज हार्ट ,स्ट्रोक डेथ रेट्स (मुंबईमिरर ,जनवरी १३ ,२०११ ,पृष्ठ २३ )।
कार्डियो -वैस्क्युलर -इफेक्ट्स ऑफ़ पैन -किलर्स :अब तक के एक व्यापक अध्ययन में स्विटज़र -लैंड के बर्न विश्व -विद्यालय के साइंसदानों ने ३१ ट्रायल्स का जिनमे तकरीबन ११६ ,००० मरीज़ दर्द नाशियों की बड़ी खुराक लगातार एक साल तक लेते रहे थे का गहन विश्लेसन इनके हृद -वाहिकीय प्रभावों के आकलन के लिए किया है .पता चला आम दर्द नाशियों के दीर्घावधि असर ब्रेन अटेक के खतरे के वजन को तीन गुना बढा देतें हैं ।
बेशक एनाल्जेसिक्स लगातार लेने वाले मरीजों में हार्ट अतेक्स और ब्रेन अतेक्स के मामले कुल मिलाकर इस दरमियान ज्यादा दर्ज़ नहीं हुए हैं लेकिन इनके असरकारी जोखिम मौजूद रहतें हैं जिन्हें नजर अंदाज़ नहीं किया जा सकता ।
जिन पीड़ाहारी -ओवर दी काउंटर ड्रग्स की आज़माइश की गई उनमे नेप्रोक्सेन ,इबु -प्रोफैन,डैक -लोफिनाक ,सेलेकोक्सिब एतोरिकोक्सिब ,रोफिकोक्सिब्स ,लुमिराकोक्सिब आदि शामिल रहीं हैं ।
अध्ययन के दौरान पता चला प्लेसिबो के बरक्स जहां रोफिकोक्सिब तथा लुमिराकोक्सिब ने दिल के दौरे के जोखिम को दो गुना बढाया वहीँ इबु -प्रोफैन ने ब्रेन अटेक के खतरे के वजन को तीन गुना से भी ज्यादा बढाया .एतोरिकोक्सिब तथा डेक्लो -फिनाक के लिए दिल के दौरे तथा सेरिब्रो -वैस्क्युलर एक्सीडेंट (ब्रेन अटेक )से होने वाली मौत का ख़तरा चार गुना बढा देखा गया ।
नैप्रोक्सेन अपेक्षाकृत कम नुक्सान दायक दिखलाई दी कार्डियो -वैस्क्युलर सेफ्टी के मामले में .बेशक विकल्प बहुत कम है लेकिन -
"दी ओपशंस फॉर दी ट्रीटमेंट ऑफ़ क्रोनिक मस्क्युलो -स्केलीटल पैन आर लिमिटिड एंड पेशेंट्स एंड क्लिनिशिय्न्स नीड टू
बी अवेयर देत कार्डियो -वैस्क्युँल्र रिस्क नीड्स टू बी टेकिं इनटू एकाउंट व्हेन प्रिस्क्राइबिन्ग ,"दे सेड .

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