शनिवार, 8 जनवरी 2011

सर्कम्सिशन सर्वाइकल कैंसर वायरस के मार्ग में प्रति -रोध खडा कर देता है .

सर्कम्सिशन स्टोप्स सर्विकल कैंसर वायरस (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी ८ ,२०११ ,पृष्ठ १९ )।
वाइव्ज़ एंड गर्ल फ्रेंड्स ऑफ़ सर्कम्साइस्द मेन हेव ए २८%लोवर रेट ऑफ़ इन्फेक्सन ओवर २ ईयर्स विद दी ह्यूमेन पेपिलोमा वायरस व्हिच काज़िज़ वार्ट्स एंड सर्विकल कैंसर ,सेज एक्सपर्ट्स ।
जहां मर्दों को कमोबेश सुन्नत /ख़तने/सर्काम्सिश्जन कमोबेश एच आई वी एड्स रोग संक्रमण से बचाए रहता है वहीँ अपने सेक्स पार्टनर को भी यह इसी प्रकार बच्चे दानी के मुख कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है .बीवी हो या गर्ल फ्रेंड सुरक्षा दोनों को कुछ न कुछ अंशों में मिल ही जाती है ।
रिसर्चरों ने अपने एक दो साला अध्ययन में बतलाया है इस प्रथा से बीवियों और गर्ल फ्रेंड्स को २८ फीसद सुरक्षा मिली ह्यूमेन पेपिलोमा वायरस के हमले से जो अकसर वार्ट्स और सर्विकल कैंसर का कारण बनता है .लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है सुरक्षित यौन संपर्कों की हिफाज़ती आदत को ताख पर उठाकर रख दिया जाए .ह्यूमेन पेपिलोमा वायरस से पैदा रोग संक्रमण को सर्विकल कैंसर की प्राइमरी वजह माना जाता है ।
लेकिन यह जेनिटल वार्ट्स ,गुदा कैंसर (कैंसर ऑफ़ दी एनस ),शिश्न कैंसर (कैंसर ऑफ़ दी पेनिस ),हेड एंड नेक की भी एक एहम वजह माना जाता है ।
अलावा इसके ह्यूमेन पेपिलोमा वायरस की एक नहीं दो नहीं दर्ज़नों किस्मे हैं जो छुतहा हैं ।
सर्कम्सिशन शिश्न की आगे की चमड़ी को साफ़ कर देता है स्थाई तौर पर काट कर फैंक दी जाती यह चमड़ी जिसमे बेशुमार इम्यून सिस्टम सेल्स होतीं हैं .एच आई वी तथा कई और वायरस इसी चमड़ी को अपना निशाना बनातें हैं .चमड़ी हठाने के बाद इनसे पैदा रोग संक्रमण का ख़तरा घट जाता है .

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