शनिवार, 8 जनवरी 2011

एल्कोहलिज्म की लत छुड़ाई के लिए टीका...

पियक्कड़ -पनेसे दूर छिटकने के लिए बाध्य करेगा एक टीका जिसे चिली के साइंसदान तैयार कर रहें हैं .अगले साल इसके ह्यूमेन ट्रायल्स शुरू हो जायेंगें .फिल वक्त इसकी आज़माइश कामयाबी के साथ ऐसे चूहों पर कर ली गई है जो एल्कोहल के अभ्यस्त हो चले थे .इनका एल्कोहल कन्ज़म्प्शन (शराब खोरी )घट कर आधी ही रह गई है ।
मनुष्यों के लिए लक्ष्य रखा गया है शराब खोरी में ९०-९५% की कमी लाना .जैसे सिगरेट छुड़ाई के लिए निकोटिन पेचिज़ तथा पिल्स भी आजमाई गईं हैं वैसे ही और उसी दिशा में एल्कोहलिज्म से निजात दिलवाने की नीयत से यह टीका तैयार किया गया है ।
यह टीका चुनिन्दा तौर पर यकृत कोशाओं (लीवर सेल्स ) को निशाने पर लेगा ।
यह उस एंजाइम को रासायनिक तौर पर उदासीन (न्युत्रेलाइज़ )कर देगा जो एल्कोहल के चय -अपचयन (मेटाबोलिज्म )में हाथ बटाता है ।
एंजाइम्स के इस समूह को एलडी -हाइड -डी -हाई -ड्रो -जीनेज़ कहा जाता है .यही एल्कोहल से पैदा एलडी -हाइड को ठिकाने लगातें हैं .नतीजा होता है शराब हजम हो जाती है .इसे ही एल्कोहल टोलरेंस कहतें हैं .इस एंजाइम के उदासीन हो जाने पर एल्कोहल हजम न होकर इन -टोलरेंस के साथ साथ कई किस्म के हैरान परेशान करने वाले लक्षण पैदा करेगा .टीका लगवाने वाले लोग एल्कोहल से छिटकने लगेंगे .लक्षणों से घबरा कर जिनमे शामिल हैं मचली आना ,नौज़िया ,टेकी -कार्डिया (दिल का जल्दी जल्दी लुब डूब करना ).ऐसे में एल्कोहल लेने की चाहत मरती जायेगी .क्योंकि एल्कोहल लेने के बाद सुरूर कम घबराहट ज्यादा होगी ।
तकरीबन २० फीसद एशियाइयों में एल्कोहल को ठिकाने लगाने वाला यह एंजाइम नदारद रहता है इसीलिए इन्हें शराब माफिक नहीं आती ,स्ट्रोंग रिएक्शन होती है एल्कोहल लेने से इन लोगों को .वेक्सीन भी इसी एंजाइम को बे -असर ,नाकारा बनाने का काम करती है .

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