सोमवार, 10 जनवरी 2011

व्हेल मछलियों का विष्ठा (मल,पू ,फीशीज़ ) सागर जल को उत्पादक बनाता है ...

व्हेल पू मेक्स ओशंज़ प्रो -दक्टिव :(डी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी १० ,२०११ ,पृष्ठ १७ )।
व्हेल मछलियों के मल में मौजूद लौह तत्व (आयरन रिच फीशीज़ ऑफ़ व्हेल्स ) सागरों कि उत्पादकता को बढाता है .ऑस्ट्रेलिया की एंटार्कटिक डिवीज़न के साइंसदान इस अवधारणा की जाच परख कर रहें हैं कि क्या व्हेल मछलियों के विष्ठा में मौजूद लौह तत्व एक प्रकार के लिक्विड मेंयुओर का काम करतें हैं .एक तरल उत्पादक खाद का जो समंदरी फाइटो -प्लान्क्तन की तेज़ी से होने वाली बढ़वार को हवा देता है ।
याद रहें कितने ही समंदरी जीव मेरीन स्पीशीज इसी फाइटो -प्लान्क्तन पर गुज़र बसर करतें हैं और इनमे से कई हम मनुष्यों की खाद्य श्रृंखला में भी जगह बनाए हुए हैं .

कोई टिप्पणी नहीं: