बुधवार, 5 जनवरी 2011

दमा (एस्मा )के बेहतर रोग निदान और प्रबंधन के लिए ...

लंग विडीयोज़ मे हेल्प ट्रीट एस्मा पेशेंट्स (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी४ ,२०११ ,पृष्ठ १७ )।
ऑस्ट्रेलियाई साइंसदान इन दिनों दमा के बेहतर रोग निदान और प्रबंधन के लिए ऐसे वीडियोज तैयार कर रहें हैं जो फेफड़ों में वायु की आवाजाही का विस्तार से मानीतरण करेंगे ।
इस काम के लिए मोनाश इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल रिसर्च के साइंसदान 'एक सर्कुलर पार्तिकिल एक्स्लारेटर सिनक्रोतोंन 'का स्तेमाल कर रहें हैं .यह फेफड़ों में गैस के हर हिस्से में आने जाने की पूरी जानकारी सूक्ष्म तौर पर दर्ज़ करेगा .इस प्रकार फेफड़े के हर हिस्से की कार्य -विधि को समझा जा सकेगा ।
एस्मा से असरग्रस्त हिस्सों का ऐसे में रेखांकन करना आसान हो जाएगा .साथ ही यह भी जाना जा सकेगा कौन सा हिस्सा कितना असरग्रस्त हुआ है ।
ऐसे में एस्मा में प्रयुक्त दवाओं वेंटोलिन आदि के बारे में यह भी जाना जा सकेगा वह असरग्रस्त हिस्से तक ठीक से पहुँच भी रहीं हैं या नहीं .ऐसे में दवाओं की कारगरता को समझने बूझने और ज्यादा बेहतर दवाओं की खोज का रास्ता भी साफ़ हो सकेगा ।
ऐसी दवाओं की तलाश आसान हो सकेगी जो दमा (एस्मा ) की मूल वजहों को निशाने पर ले सकेंगी .केवल मर्ज़ और उसके लक्षणों को सिर्फ दबायेंगी ही नहीं ,शमन- कारी न होकर समाधान कारी होंगी ।
प्रचलित रोग निदान विधियां ऐसी इमेजिंग प्राविधियों तक सीमित हैं जो स्टिल इमेज़िज़ ही मुहैया करवा पातीं हैं ।
सिनक्रोतोंन में प्रयुक्त इलेक्त्रोंन बीम इस परिदृश्य को बदलने की सामर्थ्य रखतीं हैं ।
सिं -क्रों -टोन : इट इज ए वेरी हाई -एनर्जी सर्क्युलर पार्तिकिल एक्स्ल्रेटर देट ओप्रेट्स बाई यूजिंग ए हाई -फ्रीक्युवेंसी इलेक्ट्रिक फील्ड एंड ए मेग्नेटिक फील्ड इन सिं -क्रोनी विद दी मूवमेंट्स ऑफ़ पार्तिकिल्स (दी इलेक्त्रोंस ).

कोई टिप्पणी नहीं: