शुक्रवार, 7 जनवरी 2011

साइंस कोंग्रेस के झरोखे से ......

'इज साइंस -फिक्शन फ्लिक -लाइक टेली -पोर्टेशन पोसिबिल फॉर रीयल ?फ्रॉम कोलकाता ,टू चेन्नई ,ए स्पिरिट ऑफ़ इन्क्वायरी एंड बज अबाउट ब्रेक्थ्रूज़ स्वीप साइंस मीट्स .(टाइम्स नेशन ,दीटाइम्स ऑफ़ इंडिया ,मुंबई ,जनवरी ७ ,२०११ ,पृष्ठ १६ )।
कोलकता की आलमी बैठक (इंटर -नेशनल कोंफरेंस ) की शुरुआत ६ जनवरी ,२०११ ,बृहस्पतिवार को ,क्वांटम भौतिकी के कुछ उलझे हुए सवालात पर विमर्श के साथ हुई जिसमे दुनिया भर के नामचीन सिद्धान्तिक भौतिकी के माहिरों ने हिस्सा लिया ।
इसमें सृष्टि विज्ञानी (कोस्मोलोजिस्त ) सर रोजर पेंरोज़ ,एंथनी लेग्गेत ,प्रायोगिक भौतिकी के माहिर फ्रांस के आलें आस्पेक्ट तथा नामचीन क्रिप्टो -लोजिस्ट (गुह्य विद्या कूट संकेतों को लिखने हल करने की कला के माहिर )गिल्स ब्रस्सर्द मौजूद थे ।
विमर्श के रोचक विषयों में शामिल था यह सवाल -क्या बिना यात्रा किये तात्कालिक तौरपर एक से दूसरे स्थान पर पहुंचा जा सकता है ,चीज़ों को मन की शक्ति से तात्कालिक तौर पर दूर भेजा जा सकता है .अकसर विज्ञान गल्प फिल्मों में यह दिखलाया जाता रहा है ।
क्या एक आदमी से दूसरे तक बिना किसी भौतिक संचार क्रिया के कोई भी सूचना तत्काल (फौरी तौर पर ,बिना समय गँवाए )पहुंचाई जा सकती है .क्या संचार के ऐसे कूट संकेत भी हो सकतें हैं जो अन -ब्रेकेबिल हों ,जिनका खुलासा न किया जा सके ,जो अबूझ ,अज्ञेय रहें ?
मौक़ा था 'क्वांटम एन -तेंगिल्मेंट के ७५ वर्ष ',स्थान था 'एस एन बोस इंस्टिट्यूट ,कोलकता '।
आइन्स्टाइन को एक्शन एट ए डिस्टेंस पर एतराज था .क्वांटम भौतिकी के तहत वह द्रव्य की मूलभूत कणिकाओं के व्यवहार से हतप्रभ थे,आपने कहा था 'गोड डज़ नोट प्ले डाइस ' .संचार की तात्कालिकता से वह सहमत नहीं थे .पोदोल्स्क्य तथा रोसें के साथ मिलकर आइन्स्टाइन ने १९३६ में एक पर्चा लिखा था जो 'ई पी आर पैरा -डॉक्स 'के नाम से विख्यात हुआ था ।
'दी पेपर दिस्क्राइब्द ए सिच्युएशन इन व्हिच टू पार्तिकिल्स सेप्रेतिद बाई मिलियंस ऑफ़ माइल्स कुड स्टील बी एन -तेंगिल्ड टेम्परिंग विद वन कुड इन्स्तेंतली चेंज दी अदर ।'
१९७० में आइन्स्टाइन के एतराज को धक्का लगा -आइन्ताइन्स ओब्जेक्शन वाज़ प्रूव्ड रोंग ,स्पूकी एक्शन एट ए डिस्टेंस डिड टेक प्लेस ।ए डिटेक्शन ऑफ़ वन पार्तिकिल अफेक्ट्स दी अदर्स ।
क्वांटम एन -तेंगिल्मेंट से ब्लेक होल्स ,बिग बैंग ,अल्टीमेट फेट ऑफ़ दी यूनिवर्स पर रौशनी डालने की कोशिश भी हुई है .डार्क मैटर /डार्क एनर्जी को बूझना भी बाकी है .

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