शुक्रवार, 18 फ़रवरी 2011

चिकिनगुनिया के इलाज़ में प्रगति की ओर.....

साइंटिस्ट ए स्टेप क्लोज़र टू फाइंडिंग चिकिनगुनिया क्योर (दी टाइम्स ऑफ़ इंडिया ,फरवरी १७ ,२०११ ,पृष्ठ २१ )।
साइंसदान इक ख़ास किस्म के मच्छर के काटने से पैदा होने वाली विषाणु जन्य बीमारी के समाधान के नज़दीक पहुच गए हैं .आदिनांक इसका न कोई विशिष्ट इलाज़ हमारे पास था न टीका ।
डेंगू जैसे लक्षण ही इस हाड तोड़ बीमारी में भी दिखलाई देतें हैं मसलन ज्वर ,जोड़ों का लंबा चलने वाला दर्द ,चिल्स (सर्दी से पैदा कंप )मचली,उबकाई आना आदि .दस दिनों तक बने रह सकतें हैं ये लक्षण .जोड़ों की पीड़ा हफ़्तों क्या महीनों भी बनी रह सकती है ।
अब सिंगापुर और फ्रांस के तकरीबन इक दर्ज़न साइंसदानों की इक अंतर -राष्ट्री टीम ने दो मोनोक्लोनल एंटी बॉडीज का पता लगाया है .इन्हें एकल कोशा से ही विकसित किया गया है .ये चिकिनगुनिया की अनेक स्त्रैंस को निष्क्रिय कर सकतीं हैं .बीमारी जो एडेस(एडीज )मच्छरों के हमें काटने से फैलती है .डेंगू से मिलती जुलती है अपने लक्षणों में .

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