सोमवार, 28 फ़रवरी 2011

जिनका बचपन खुश -हाली में बीतता है ......

जिन बच्चों की परवरिश इक खुशनुमा और मुकम्मिल (स्थाई )माहौल में होती है आगे चलकर उनके लिए तलाक के मौके बढ़ जातें हैं .केम्ब्रिज विश्वविद्यालय में संपन्न इक दीर्घावधि अध्ययन के अनुसार बड़े होने पर ऐसे वयस्क आत्म विश्वास से भरे रहतें हैं इसीलिए इक कामयाब सम्बन्ध /रिश्ते को बिला वजह ढ़ोते रहने की मजबूरी इनके सामने नहीं होती .ये छिटक कर अलग राह बना लेतें हैं ।
रिसर्चरों ने १९४६ में इक ही सप्ताह में पैदा हुए हज़ारों बच्चों की परवरिश पर नजर रखी.किशोरावस्था में इनकी ख़ुशी ,दोस्ताना अंदाज़ की पड़ताल की गई .बे -चैनी,एन्ग्जायती ,डिस -ओबिदियेंस(शिक्षकों /अभिभावकों का कहा न मानने )की भी पड़ताल की गई .दशकों बाद इनके जीवन जगत का फिर जायजा लिया गया .सभी बातों का विश्लेषण करने के बाद उक्त निष्कर्ष निकाला गया है .

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