शनिवार, 26 मार्च 2011

अपबीट म्युज़िक एंड लाफ्टर रिड -युसिज़ ब्लड प्रेशर .

वैसे ही नहीं कहा गया है "लाफ्टर इज दी बेस्ट मेडिसन" .अमरीकी ह्रदय संघ की एटलांटा में हाल में संपन्न बैठक में "न्यूट्रीशन ,फिजिकल एक्टिविटीज़ और मेटाबोलिज्म "विषय पर हुए विमर्श और जापानी रिसर्चरों द्वारा प्रस्तुत किये गए एक अध्ययन में बतलाया गया है ,अपबीट म्युज़िक और पसंदीदा लतीफे सुनने से" सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर"(ब्लड प्रेशर का ऊपरी पाठ ) में उतनी ही कमी आजाती है जितनी १० पोंड वजन कम करने ,खुराक में नमक कम करने और या फिर ब्लड प्रेशर कम करने वाली दवाओं से आती है ।
दूसरे अर्थों में ऐसा होने पर हृदय रोगों से और आघात (ब्रेन अटेक)से होने वाली मौत के खतरे का वजन भी ५-१५%कम रह जाता है .यही कहना है ,"मिचेल मिल्लर एम् .डी .का .आप मेरिलैंड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ,बाल्टीमोर में "प्रिवेंटिव कार्डियोलोजी प्रभाग "के निदेशक हैं ।
पसंदीदा लोकप्रिय संगीत सुनने से रक्त वाहिकाओं का अंदरूनी अस्तर (इनर लाइनिंग ऑफ़ ब्लड वेसिल्स )बेहतर तरीके से काम करने लगतीं हैं .नतीज़नये तकरीबन ३०%फ़ैल जाती हैं ,डाय्लेट हो जातीं हैं .
अलावा इसके पसंदीदा संगीत और हंसाऊ चुटकले सुननेसे नाइट्रिक ऑक्साइड का स्राव बढ़ जाता है (एट दी ओस्टीयल सेग्मेंट्स ऑफ़ आर्ट रीज,खासकरके )यही वह मेजिक कम्पाउंड (जादुई रासायनिक यौगिक )है जो ब्लड वेसिल्स को डाय्लेट करता है और इसी के साथ सिस्टोलिक दाब कम हो जाता है ।
अलावा इसके संगीत हमारे "पैरा -सिम्पेथेतिकनर्वस सिस्टम "को प्रभावित करता है कुछ इस तरह से कि शरीर शिथिल (रिलेक्स्ड )तथा दिल की लुब डूब साउंड (हार्ट रेट )कम होजाती है ।
रिलेक्शेशन के साथ ही हमारे शरीर में कोर्तिसोल्स का स्राव कमतर हो जाता है जो एक स्ट्रेस हारमोन है .यही हारमोन ब्लड प्रेशर को भी बढाता है ,बढा सकता है ।
व्यंग्य विनोद (ह्यूमर )हमारे संवेगों आवेगात्मक अनुक्रियाओं रेस्पोंसिज़ को असर ग्रस्त करता है जिसका प्रभाव हमारे शरीर पर कुछ इस तरह पड़ता है कि स्ट्रेस भी कम होने लगता है .

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