शुक्रवार, 25 मार्च 2011

सैलून्स से होने वाली नुकसानी (ज़ारी ...).

बेशक "केमिकल पील्स" चमड़ी की चमक को बढा देतें हैं ,फाइन लाइंस ,झुर्रियों ,एज स्पोट्स को साफ़ कर देतें हैं .केमिकल पील्स कैन सर्टेनली ब्राइ-टिन एंड लाइटिंन स्किन टू ड्रामेटिक इफेक्ट बट सम ऑफ़ दीज़ फोर्मुली (फोर्मूलाज़ )कैन काज बर्न्स ,स्कारिंग इफ हेन्दिल्ड इन -करेक्टली .वजह इनमे बहुत तेज़ (शक्तिशाली ,तीक्ष्ण )रसायनों का स्तेमाल किया जाता है ,अनाड़ी के हाथ में पड़ने पर ये गुल खिला सकतें हैं ""जबकि "इनका स्तेमाल स्पाज़" में हो रहा है वह भी इक केज्युअल सेटिंग में न कि किसी चर्म-रोग के माहिर की निगरानी में उसके ऑफिस में .ऐसे में नीम हकीम ख़तरा -ए -जान .कौन कितना माहिर है इस कर्म में इन सैलून्स और स्पाज़ में इसका कोई निश्चय नहीं इस पर कोई चेक भी नहीं है कोई रेग्युलेटर नहीं .सब kuchh raam bharose chal rhaa hai .aise me chmdi par solyushan der tak rahne ke gambhir natize nikal sakten hain .

"Nia terezakis ,MD ,a clinical professor of dermatologi at
तुलने यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल सेंटर एंड दर्मेतालोजिस्त इन प्राइवेट प्रेक्टिस इन न्यू ओर्लीन्स ,हेज़ सीन पेशेंट्स कम इन विद व्हाईट डोनट शेप्स अराउंड देयर माउथ्स आफ्टर गेटिंग पील्स फ्रॉम इन -एक्स -पीरियेंस्द सलून टेक्नीशियन्स हू लेफ्ट दी सोल्यूशन ऑन फॉर टू लॉन्ग ,परमानेंटली देमेजिंग दी पिगमेंट देयर ।"
इसके बाद घडी की सुइयों को पीछे नहीं लाया जा सकता है .चमड़ी मुकम्मिल तौर पर बदरंग हो चुकी है .

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