रविवार, 27 मार्च 2011

नै बिकाऊ घडी विज्ञापन में हमेशा १०:१० ही क्यों दिखलाती है .?

व्हाई इज ए न्यू क्लोक टाइम्ड १०:१० ?
इक तरह से यह सेटिंग घडी की, सौन्दर्य बोध को बढाती है .लगताहै घडी मुस्का रही हैखड़ी- खड़ी . समय भी साफ़ साफ़ दिखलाई देता है दस बजकर दस मिनिट .दोनों सुइयां विस्तारित ,दाइवर्ज़्द ,खिले हुए फूल सीदिखतीं हैं सुइयों की इस अवस्थिति में ।
अलावा इसके निर्माता कम्पनी का नाम उसका "लोगो" प्रतीक चिन्ह आदि आप साफ़ साफ़ पढ़ सकतें हैं .ठीक १२ के अंक के नीचे रहती है यह सूचना ।
जबकी तारीख दर्शाने वाली विंडो या तो तीन पर रहती है या फिर नौ पर .लिहाजा तारीख और दिवस का बोध खुले तौर पर हो जाता है .तो ज़नाब ना -हक़ नहीं है यह सब एक विज्ञापनी योजना के तहत ही किया गया है .
सममिति यानी सिमिट्री लिए हुए दूसरी स्थितियां सुइयों की ८, १८ और ८ , २० हो सकतीं हैं लेकिन तब घडी का मुह उलटा नीचे को लटका लटका लगेगा हंसता मुस्काता नहीं ,जबकि ६ की ओर जाता हुआ घडी का एक हाथ टूटा हुआ दिखेगा ।
ऐसे में घडी की गुणवत्ता ही सवालों के घेरे में आजायेगी ।
लिहाजा ओरिजिनल सेटिंग (बाई डिफाल्ट )१०:१० ही तमाम कसौटियों पर खरी उतरती है .

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