शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

कौज़िज़ ऑफ़ पार्किन्संज़ डिजीज .

कौज़िज़ ऑफ़ पार्किन्संज़ डिजीज :
पार्किन्संज़ रोग की ठीक ठीक वजह तो कोई नहीं जानता ,लेकिन कई फेक्टर्स अपना योगदान देते प्रतीत होतें हैं जिनमे शामिल हैं :
(१)हमारे जींस :(हमारी कुछ जीवन इकाइयां ,क्वांटम ऑफ़ लाइफ ) में होने वाले कुछ उत्परिवर्तन ,म्युटेसंस का पता रिसर्चरों ने लगाया है जिनका इस रोग में कोई हाथ हो सकता है ।
साइंसदानों को संदेह है आनुवंशिक के अलावा इन म्युटेसंस की वजह पर्यावरणी भी हो सकती है .कुछ तोक्सिंस और वायरस हमारे माहौल में ऐसे हो सकतें हैं जो इन म्युटेसंस की वजह बनतें हों .
इन तोक्सिंस और विषाणुओं से सभी असर ग्रस्त हो रहें हैं इनका एक्सपोज़र झेलना पड़ रहा है चाहे फिर वह कोई पेस्टी साइड्स हों ,कार्बन -मोनो -ऑक्साइड हो ,मेग्नीज़ हो या कार्बन -डाई -सल्फाइड हो .इनसे बचा नहीं जा सकता ।
अलावा इसके इस रोग से ग्रस्त लोगों के दिमाग में भी अनेक बदलाव देखे गएँ हैं हालाकि इनकी भूमिका स्पष्ट नहीं है ,ये बदलाव हैं :
(१)ए लेक ऑफ़ डोपामिन :इक जैव रसायन है केमिकल मेसेंजर है जिसकीदिमागी कमी रोग के कई लक्षणों का कारण बन रही है ।
इस कमी की वजह कुछ कोशाओं की इस रोग से होने वाली मृत्यु या उनका कार्य बाधित होना समझा जाता है .लेकिन ये ख़ास न्युरोंस मर क्यों और कैसे जातें हैं यह कोई नहीं जानता .पता सिर्फ इतना है ये डोपामिन बनातें हैं (२)लो नोर -एपी -ने -फ़्रा -इन लेविल्स :रोग ग्रस्त लोगों के दिमाग में इक और बदलाव आता है कुछ नर्व एंड -इंग्स नष्ट हो जातीं हैं जो एक और रासायनिक संदेशवाहक (केमिकल मेसेंजर )नोर -एपी -ने -फ़्रा -इन तैयार करतीं हैं ।
नोर -एपी -ने -फ़्रा -इन ऑटो -नोमिक -नर्वस -सिस्टम को रेग्युलेट करता है उसका विनियमन करता है .कुछ स्वयं चालित फंक्शन जैसे ब्लड प्रेशर का विनियमन ऑटो -नोमिक -स्नायुविक तंत्र ही करता है ।
(३)दी प्रिज़ेंस ऑफ़ लेवी बॉडीज :कुछ अन -युज्युअल प्रोटीन्स क्लम्प्स को लेवी बॉडीज कहा जाता है ,यह असामान्य प्रोटीन गुच्छ भी कुछ पार्किन्संज़ रोग ग्रस्त लोगों के दिमाग में मिलें हैं .इनके वहां होने का क्या मतलब है और कैसे वहां ये पहुंचे और कौन से संभावित नुक्सानात ये गुच्छ कर सकतें हैं कोई नहीं जानता ।
(ज़ारी ).

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