गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

रिस्क फेक्टर्स फॉर एपिलेप्सी .

कुछ फेक्टर्स (घटक ) एपिलेप्सी के जोखिम को बढा सकतें हैं :
(१)आपकी उम्र क्या है ?एपिलेप्सी की शुरुआत अकसर या तो बचपन के शुरूआती दौर में होती है या फिर ६ ५ साल की उम्र के पार चले आने पर .यूं यह रोग ,इस कंडीशन की गिरिफ्त में कोई भी, कभी आ सकता है ।
(२)आपका लिंग (जेंडर /सेक्स ):मर्दों में यह कंडीशन औरतों के बनिस्पत थोड़ी सी ज्यादा देखी जाती है ।
(३)आपका पारिवारिक इतिहास ,वंशवेल में रोग का पूर्व वृत्तांत :सीज़र डिस -ऑर्डर का ख़तरा थोड़ा सा तब ज़रूर बढ़ जाता है जब परिवार में वंशवेल में यह रोग कहीं चलता रहा हो .
(४)सिर की चोटें (हेड इन्जरीज़ ):कितने ही एपिलेप्सी के मामलों में हेड -इन्जरीज़ सीज़र डिस-ऑर्डर की वजह बनती है .कुछ सावधानिया बरतकर इस खतरे को घटाया जा सकता है .कार में बैठते वक्त सीट बेल्ट का प्रयोग किया जाए .केलिफोर्निया राज्य में जो लोग पीछे की सीटों पर बैठतें हैं उनके लिए भी सीट बेल्ट बाँधना ज़रूरी है कानूनी तौर पर ।
हिन्दुस्तान में आपको कई ऐसे परिवार मिल जायेंगे जो दिल के टुकड़ों को गोद में लेकर आगे की सीट पर बैठ जायेंगें .सीट बेल्ट बाँधने के लिए कहो तो कहतें हैं हमारा कोई क्या कर लेगा (पद प्रतिष्ठा पीड़ित ऐसे ही कितने लोगों को आप भी जानतें होंगें .).किशोर किशोरियां (१८ की उम्र के नीचे )गली मोहल्लों में मोटर साइकिल स्कूटर पर करतब दिखलातें मिल जायेंगें .हेलमेट का तो सवाल ही नहीं होता गली कूचों में .यहाँ अमरीका में मैंने देखा है बच्चे भी छोटी छोटी साइकिलें चलाते वक्त हेलमेट पहनते हैं .
स्की -इंग करते वक्त भी हेलमेट पहना जाना चाहिए . मोटर साइकिल ,साइकिल चलाते वक्त भी .
यहाँ तो स्पीड -इए (स्पीड और दौलत के नशे में रहने वाले )कितने ही लोग राह - चलतों को मारके निकल जातें हैं .
(५)ब्रेन अटेक(आघात ,सेरिब्रल -वैस्क्युअलर -एक्सीडेंट )तथा अन्य वाहिकीय रोग (वैस्क्युलर डि -जीज़िज़ ):ये तमाम कंडीशंस ब्रेन डेमेज की वजह बन सकतीं हैं और ब्रेन डेमेज एपिलेप्सी की ।
एल्कोहल और सिगरेट की तलब से बचे रहकर आप इस रोग के खतरे को कम कर सकतें हैं .शराब का सेवन कम तो कर ही सकते हैं सोसल ड्रिंकिंग में कोई हर्ज़ भी नहीं है गलत है रोज़ ग्लास लेकर बैठ जाना .गम गलत करना शराब और सिगरेट से ,सेहत ही गलत हो जाती है गम तो क्या होता है ।
स्वास्थ्य कर खुराक और व्यायाम भी रोग और सीज़र के खतरे को कम करता है ।
(६)दिमागी संक्रमण (ब्रेन इन्फेक्संस ):ब्रेन और स्पाइनल कोर्ड की सोजिश /शोथ /इन्फ्लेमेशन (मेनिंन -जाई -टिस)भी एपिलेप्सी के खतरे के वजह को बढा सकती है ।
(७)दीर्घावधि तक बचपन में सिज़र्स का बने रहना (प्रो लोंग्द सीजर्स इन चाइल्ड -हुड ):कई मर्तबा बहुत तेज़ ज्वर (हाई डिग्री फीवर १०२-१०५/१०६ फारेन्हाईट )भी बचपन में सिज़र्स की वजह देर तक बना रहता है जिसका नतीजा आगे चलकर एपिलेप्सी के रूप में भी भुगतना पड़ सकता है .खासकर तब जब परिवार में एपिलेप्सी का पूर्व वृत्तांत (इतिहास ) भी रहा आया हो ।
( ज़ारी ....).

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