मंगलवार, 5 जुलाई 2011

सिर चढ़ी शराब किशोर -वृन्द के ....

अमरीका का वर्ष का लॉन्ग वीक एंड (जुलाई ४ ,यौमे आज़ादी का दिन अमरीका की )गुज़र गया लेकिन अपने पीछे कुछ बुरे सबक छोड़ गया ।
इसी दरमियान किशोर -किशोरियों में शराब को ज़िन्दगी समझने की होड़ ने कितनो को इमरजेंसी रूम तक पहुंचा दिया .वजह बनीं -शराब से होने वाली दुरघटनाएं -ड्रिंक्स रिलेटिड इन्जरीज़ ।ये देश के लिए पीतें हैं .अहब देश के हमारे यहाँ एक साहब देश के लिए खातें हैं पीने का हमें इल्म नहीं है उनके .
जुलाई ३ और चार का आलम देखिये -तकरीबन दोनों ही दिन औसतन १००० युवा (२१ से कम उम्र के )आपातकालीन चिकित्सा कक्ष में पहुंचे या पहुंचाए गए .इनमे दो तिहाई पुरुष थे .(स्रोत :यू एस सब्सटेंस एब्यूज एंड मेंटल हेल्थ सर्विसिज़ एडमिनिस्ट्रेशन ,एस ए एम् एच एस ए )।
माहिरों के अनुसार वीक एंड ड्रिंक्स रिलेटिड इन्ज्रीज़ के नए प्रतिमान गढ़ रहें हैं .दोगुने हो जातें हैं इस अवधि में ऐसे मामले .(स्रोत :निदेशक ,सेंटर फॉरबिहेवियरल हेल्थ स्टेटिस्टिक्स एंड क्वालिटी ,एस ए एम् एच एस ए से सम्बद्ध )।
रिपोर्ट के मुताबिक़ ४ जुलाई २००९ को ६२२ लड़के ,३०४ इन्हीं कारणों से आपातकालीन कक्ष में लाये गए थे ।
शराब पीने के बाद होने वाले झगडे झुगड़े,कार तथा अन्य दुर्घटनाएं इनके जख्मी होने की वजह बनतें हैं ।
नए साल पर भी स्थिति यही रहती है ।
सवाल यह है माहौल को इस युवा भीड़ के लिए सुरक्षित कैसे बनाया जाए .?यही चिंता है माहिरों की ।
अंडर एज ड्रिंकिंग उफान पर है .
बिंज ड्रिंक लगातार बढ़ रही है -वीक एंड में ग़ालिब बन जाना ,बे -हिसाब पी जाना बिना आगा पीछा सोचे .इसी लत के साथ बढ़ रही है हिंसा ,यौन -हिंसा ,खलनायकी ।
बतलादें आपको भारत में भी परि -दृश्य इससे जुदा नहीं है .यहाँ सामाजिक सरोकारों पर चिंताएं मुखर हैं .वहां भारत में सेक्युलर होने दिखने की होड़ .
सन्दर्भ -सामिग्री :-http://news.health.com/2011/06/30/july-4-weekend-dangerous-for-underage-boys-who-drink-report/

July 4 Weekend Dangerous for Underage Boys Who Drink: Report

6 टिप्‍पणियां:

अशोक सलूजा ने कहा…

वीरू भाई,राम-राम !
ये आंकडो का खेल है ...यहा हर कोई ,काम में कमाई में,उतार में,चढ़ाई में ,खाने में,पीने में और पिलाने में ,चोरी-चकारी,झूठ-मक्कारी ,लूट-पाटऔर बलात्कार ...
सब में आंकड़े बढाने को तरक्की समझते हैं ,न कि घटाने को ....
अच्छी सोच को
शुभकामनायें !

SANDEEP PANWAR ने कहा…

अपुन तो आज भी आने वाले कल में भी दूर ही रहने वाले है।

केवल राम ने कहा…

भारत में भी परि -दृश्य इससे जुदा नहीं है .यहाँ सामाजिक सरोकारों पर चिंताएं मुखर हैं .

काश हम सब इन व्यसनों से दूर रहकर जीवन के मूल्यों को समझते हुए इसे सार्थक कार्यों में लगा पाते तो जिअवं और भी सुंदर हो जाता ..लेकिन ..ऐसा नहीं हो पाता..!

Satish Saxena ने कहा…

आजकल दिल्ली में सरकार ने शराबियों को गाडी चलाने पर रोक लगा दी है ! ड्रंक ड्राइविंग में सीधे जेल है ...
और इसका प्रभाव भी दिखने लगा है !
शुभकामनायें आपको !

SHAYARI PAGE ने कहा…

RAM-RAM

Dr Varsha Singh ने कहा…

शुभकामनायें....