शुक्रवार, 2 अगस्त 2013

Hindi Murli :View 02-08-2013@@ KI MURLI HINDI ME

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Posted: 01 Aug 2013 10:20 PM PDT
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English Murli

Essence: Sweet children, you should have the intoxication that the Father Himself has awakened your fortune and that you have now become instruments to awaken the sleeping fortune of Bharat.
Question: Who can constantly laugh and jump with joy?
Answer: 1. Those who keep themselves busy in service day and night. 2. Those who never sulk with the Mother and Father. If you sulk with each other or with the Mother and Father and stop studying, you won’t be able to laugh and jump with joy. Maya slaps such children. Those who make everyone laugh can never sulk with anyone.
Song: You are the fortune of tomorrow.
Essence for dharna:
1. Become the Father’s helpers and claim a prize from Him. You have to glorify the name of the Satguru. You mustn’t have Him defamed.
2. Don’t allow there to be conflict among you. Let only jewels and not stones always emerge from your mouth. You mustn’t sulk but make everyone laugh.
Blessing: May you be an embodiment of all attainments and give everyone an experience of peace and power through your vibrations of spiritual happiness.
The vibrations of spiritual happiness on the faces of those who are embodiments of all attainments and full of all Godly attainments reach all souls and they also experience peace and power. A tree laden with fruit gives human beings the experience of coolness under its shade and they thereby become happy. In the same way, the vibrations of your happiness through the shade of your attainments give your body and mind the experience of peace and power.
Slogan: Those who are embodiments of remembrance experience any adverse situation to be a game.

Hindi Murli

मुरली सार:- “मीठे बच्चे – तुम्हें नशा होना चाहिए कि हमारी तकदीर स्वयं बाप ने जगाई है, अभी हम भारत की सोई हुई तकदीर जगाने के निमित्त बने हैं”
प्रश्न:- निरन्तर खुशी में खग्गियां कौन मारते हैं?
उत्तर:- 1- जो दिन-रात अपने को सेवा में बिज़ी रखते हैं। 2-जो कभी भी मात-पिता से रूठते नहीं। अगर किसी भी बात से आपस में या मात पिता से रूठ जाते, पढ़ाई छोड़ देते तो खुशी में खग्गियां नहीं मार सकते। माया उनको थप्पड़ मार देती है। जो सबको हंसाने वाले हैं वह कभी किसी से रूठ नहीं सकते।
गीत:- आने वाले कल की तुम तकदीर हो……..
धारणा के लिये मुख्य सार:-
1) बाप का मददगार बन उनसे इज़ाफा (इनाम) लेना है। सतगुरू का नाम बाला करना है। ग्लानी नहीं करानी है।
2) आपस में कलह नहीं करनी है। मुख से सदैव रत्न निकालने हैं, पत्थर नहीं। सबको हँसाना है, रूठना नहीं है।
वरदान:- रूहानी प्रसन्नता के वायब्रेशन द्वारा सर्व को शान्ति और शक्ति की अनुभूति कराने वाले सर्व प्राप्ति स्वरूप भव
जो परमात्म प्राप्तियों से सम्पन्न, सर्व प्राप्ति स्वरूप बच्चे हैं, उनके चेहरे द्वारा रूहानी प्रसन्नता के वायब्रेशन अन्य आत्माओं तक पहुंचते हैं और वे भी शान्ति और शक्ति की अनुभूति करते हैं। जैसे फलदायक वृक्ष अपने शीतलता की छाया में मानव को शीतलता का अनुभव कराता है और मानव प्रसन्न हो जाता है, ऐसे आपकी प्रसन्नता के वायब्रेशन अपने प्राप्तियों की छाया द्वारा तन-मन के शान्ति और शक्ति की अनुभूति कराते हैं।
स्लोगन:- जो स्मृति स्वरूप रहते हैं उन्हें कोई भी परिस्थिति खेल अनुभव होती है।

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