शनिवार, 28 सितंबर 2013

पार्टी की थूक सरकार के मुंह में

पार्टी की थूक सरकार के मुंह में 

राहुल ने थूका सरकार ने खुश होकर गटक लिया। यही मंत्री थे जिनका वह फैसला था। पूरी काबिना का संविधानिक फैसला था यह 

जिसे राहुल ने यूं बरतरफ़ कर दिया। और उनकी बगल में खड़े वही मंत्री जिनका यह फैसला था फूले नहीं समा रहे थे। कई दिनों से 

इन्हें जूते नहीं पड़े थे। अब ये जूते खाके परमानंद को प्राप्त हुए हैं। 

धन्य है यह भारत देश देट इज इंडिया जहां संविधानिक फैसलों  की यूं धज्जियां उड़ाई जाती हैं और पार्टीजन हर्षित हैं सरकारी मंत्री 

प्रमुदित हैं । 

राहुल को कुछ कहना था तो तब कहते जब यह फैसला लिया जा रहा था कि दागी संसद की शोभा हैं उन पर सब बलिहारी हैं। अब जब 

लगा राष्ट्रपति आभा वाले हैं यह फैसला पिटेगा ही पिटेगा तब दिग्विजय के मंद बुद्धि चेले ने आस्तीन चढ़ाके वह सब बोला जो 

मीडिया 

सेंटर में भारत के लोगों ने देखा। ये मदारी भोपाली अभी और भी करतब दिखलाएगा।  

इसे कहते हैं खुला खेल भोपाली झमूरा विलायती। 

कल को ये झमूरा सुप्रीम कोर्ट के बारे में भी कुछ भी प्रलाप कर सकता है -"ये सुप्रीम कोर्ट वोर्ट कुछ नहीं होता मैं फाड़के फांकता हूँ 

इसके निर्णय को "

सोचे कांग्रेस ये दिग्विजय इसे कौन सी विजय दिलवा रहे हैं ?

कायदे की बात तो यह है संविधानिक संस्था संसद की अवमानना के लिए मंद बुद्धि बालक पर 

मुकदमा चलाया जाना चाहिए। कमसे कम छ :साल के लिए इन्हें निलंबित किया जाए अयोग्य 

घोषित किया जाए इस अवधि के लिए चुनाव लड़ने से। 

5 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

सत्य -
आभार भाई जी-

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

बहुत बढ़िया,सत्य सटीक आलेख !!!

RECENT POST : मर्ज जो अच्छा नहीं होता.

अशोक सलूजा ने कहा…

काश! कोई आपके सच को निगल ले ....
कभी कभी प्रवचन की दुनियां से सांसारिक विचरण भी कर जाया करो ..वीरू भाई जी..राम-राम :-)))

Guzarish ने कहा…

सटीक जवाब
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा कल सोमवार [30.09.2013]
चर्चामंच 1399 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जिसके पीछे पूरी जमात हो उसका कोन क्या बिगाड़ेगा ...
राम राम जी ...