बुधवार, 18 जून 2014

शादी से होता है डिप्रेशन

depression

जाहिर है कि आपमें से कुछ लोग यह शीर्षक पढ़कर चौंक गए होंगे। लेकिन, सच यही है कि शादी से वाकई डिप्रेशन हो जाता है। एक शोध में यह बात सामने आई है कि शादी डिप्रेशन का कारण भी बन सकती है। यूएस के साइकॉलजिस्ट्स के अनुसार, रोज-रोज होने वाली किटकिट, एक-दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश और लगातार होने वाली आलोचनाओं की वजह से शादी डिप्रेशन का कारण बन जाती है। जो विवाहित लोग अपनी शादीशुदा जिंदगी में इस तरह के स्ट्रेस से गुजर रहे होते हैं उनके लिए शादी का सकारात्मक पक्ष देख पाना काफी मुश्किल हो जाता है। 

शोध के दौरान 11 साल से वैवाहिक जीवन जी रहे कपल्स से बात की गई और पाया गया कि उनमें से ज्यादातर कपल इन्हीं कारणों से डिप्रेशन का शिकार हैं। पहले किए शोधों में पाया गया था कि आमतौर पर शादीशुदा लोग अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा खुश और स्वस्थ होते हैं। लेकिन, अगर शादीशुदा जीवन के दौरान कपल्स की कंपैटिबिलिटी सही न हो तो यह डिप्रेशन की बड़ी वजह बन जाती है। टेम्पररी रिलेशनशिप में भी लड़ाई-झगड़े होते हैं, लेकिन वहां अलग होना और नए रिश्ते की ओर देखना ज्यादा आसान होता है। जबकि, शादी के बाद खुद को इस रिश्ते से अलग कर लेना आसान नहीं होता, जिसकी वजह से ज्यादा डिप्रेशन होता है और आप इससे आसानी से बाहर नहीं आ सकते। 

शोध में पाया गया कि अगर आपको शादी के लिए परफेक्ट पार्टनर नहीं मिलता है तो आपकी आगे की जिंदगी अवसाद से भरी होने के पूरे आसार हैं, क्योंकि शादी आपको और ज्यादा डिप्रेशन में ले जाती है। यह शोध साइकोफिजियॉलजिकल जर्नल में प्रकाशित हो चुका है। मेदांता हॉस्पिटल, गुड़गांव के बिहेवियर ऐंड साइकी विभाग के असोसिएट कंसल्टेंट डॉ. विपुल रस्तोगी का कहना है कि हां, शादी से एक तरफ जहां खुशियां बढ़ सकती हैं, वहीं अगर साथी सही न मिले तो आप डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं। बेशक यह सही है कि तनाव तो किसी भी रिश्ते में पैदा हो सकता है, लेकिन शादी के रिश्ते से जन्म लेने वाला तनाव ज्यादा नुकसानदायक होता है। 

इस रिश्ते में पति-पत्नी एक-दूसरे के ज्यादा नजदीक होते हैं और आप ज्यादातर वक्त एकसाथ बिताते हैं। शादीशुदा कपल्स की जिंदगी एक-दूसरे से जुड़ी होती है। यही वजह है कि अगर मैरिड कपल्स की कम्पैटिबिलिटी सही न हो तो डिप्रेशन बहुत जल्दी हो जाता है और यह काफी नुकसान भी करता है।